बंगाल : NIA ने एकबालपुर-मोमिनपुर हिंसा मामले में छापेमारी कर भारी मात्रा में नकदी बरामद की
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि बीते वर्ष 9 अक्टूबर को हुई एकबालपुर-मोमिनपुर झड़पों के सिलसिले में बुधवार को कोलकाता और उसके आसपास के 17 स्थानों पर छापेमारी की।
![]() राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) |
इस दौरान एनआईए की टीम ने कुछ घरों से भारी मात्रा में नकदी बरामद की है। हालांकि, बरामद की गई नकदी की सही मात्रा का पता नहीं चल पाया है। एनआईए की टीम ने पहले दो घंटे में भूकैलाश रोड पर चार आवासों से छापेमारी के दौरान 33 लाख रुपये की राशि बरामद की।
यह भी पता चला है कि इलाके में भूकैलाश रोड और मयूरभंज रोड के कुछ स्थानों पर एनआईए की टीम को अपने ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने जांच दल के वाहनों को घेर लिया और हंगामा करने लगे। जिसे केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों ने एस्कॉर्ट किया था। हालांकि, एस्कॉर्ट कर रहे सशस्त्र बलों के जवानों ने आंदोलनकारियों की भीड़ को हटा दिया, जिसके बाद एनआईए की टीम ने सुचारु रूप से छापेमारी की।
गौरतलब है कि बीते साल अक्टूबर के महीने में लक्ष्मी पूजा के मौके पर झड़पें हुईं और हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने की प्रक्रिया में पुलिस उपायुक्त रैंक का एक अधिकारी भी घायल हो गया था। बाद में पुलिस ने 30 लोगों की हिरासत में लिया। 19 अक्टूबर को एनआईए ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) से अपने हाथ में ले ली, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के निर्देश के बाद गठित किया गया था। 10 नवंबर को नदिया में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनआईए पर राज्य में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था।
सीएम ममता ने आगे कहा कि मुर्शिदाबाद में कुछ सांप्रदायिक समूह हैं जो संकटमोचन हैं। एनआईए तब तनाव को और बढ़ाने के लिए घटनास्थल पर जाती है। ऐसे साम्प्रदायिक इलाकों में सभी जनप्रतिनिधियों को सावधान रहना होगा कि कहीं एक छोटी सी घटना बड़े संकट में न बदल जाए। जब भी आप ऐसी घटनाओं के बारे में सुनें तो आप तुरंत जिला और पुलिस प्रशासन के साथ हस्तक्षेप करें और स्थिति को नियंत्रण में लाएं।
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