पीएम मोदी ने कहा, सरकार ने सावधानी और संवेदनशीलता से किया काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि गुजरात दो दशक पहले कई बीमारियों से पीड़ित था और उनकी सरकार ने पुरानी व्यवस्था को बदलने के लिए एक ‘सर्जरी’ की।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल (असरवा) में 1,275 करोड़ रुपए की स्वास्थ्य सुविधाओं की शुरुआत करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान उन्होंने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य)’ का आह्वान किया, क्योंकि उन्हें यह देखकर दुख हुआ कि कुछ देशों को कोविड-19 रोधी टीकों की एक भी खुराक नहीं मिली जबकि अन्य देशों में लोगों को चार या पांच खुराकें मिल चुकी थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसे कोई लोगों की बीमारी को ठीक करता है, वैसे ही हम कई बीमारियों की स्थिति को ठीक करने के लिए यह ‘मुक्ति यज्ञ’ कर रहे हैं। और हम इसे ठीक करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए उनकी सरकार ने चिकित्सकों द्वारा बताई गई तीन चीजों का इस्तेमाल किया : दवा, सर्जरी और देखभाल। स्वास्थ्य सेवा में पिछड़ापन, बिजली की कमी, पानी की कमी, कुशासन और खराब कानून-व्यवस्था जैसी समस्याओं को सूचीबद्ध करते हुए उन्होंने कहा, ‘बीस या पच्चीस साल पहले गुजरात कई बीमारियों से ग्रसित था।’
उन्होंने कहा कि इन सभी बीमारियों की जड़ में जो ‘सबसे बड़ी बीमारी’ थी, वह ‘वोट बैंक की राजनीति’ थी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सर्जरी का अर्थ है पुरानी व्यवस्था में बदलाव लाना। मेरी सर्जरी का तरीका कैंची को निष्क्रियता, ढिलाई और भ्रष्टाचार की ओर ले जाना है। फिर दवा आती है, जिसका अर्थ है नई प्रणालियों, मानव संसाधन, बुनियादी ढांचे, नए अस्पतालों के निर्माण व नवाचार को विकसित करने के लिए हर दिन नए प्रयास करना।
और तीसरा है देखभाल, जो गुजरात के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’ चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सावधानी और संवेदनशीलता के साथ काम किया। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों के बीच गए, उनकी समस्याओं को साझा किया, और इतना ही नहीं .. मैं विनम्रता के साथ कह सकता हूं कि गुजरात पहला राज्य था (ऐसा करने वाला) जब हमने न केवल मनुष्यों के लिए बल्कि पशुओं के लिए भी स्वास्थ्य शिविर लगाए।’’
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