सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने आप की मान्यता रद्द करने की मांग को लेकर सीईसी को लिखा पत्र

Last Updated 16 Sep 2022 08:56:06 AM IST

करीब 56 सेवानिवृत्त आईएएस, आईएफएस, आईपीएस और आईआरएस अधिकारियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी (आप) पर सिविल सेवकों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए उसकी मान्यता वापस लेने का अनुरोध किया है।


आप (फाइल फोटो)

पत्र पर कर्नाटक के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव एम. मदन गोपाल, केरल के पूर्व मुख्य सचिव आनंद बोस, पूर्व राजदूत निरंजन देसाई और आंध्र प्रदेश के पूर्व डीजीपी उमेश कुमार सहित अन्य ने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र में 3 सितंबर को राजकोट में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने गुजरात सरकार के लोक सेवकों से बार-बार अपील की थी कि वे विधानसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए आप के साथ मिलकर काम करें।

सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने बताया कि एक लोक सेवक की जिम्मेदारी जनता की भलाई और लोगों की सुरक्षा के लिए काम करना है।

पत्र में कहा गया है, "ऐसा लगता है कि आप भूल गई है कि लोक सेवक राजनीतिक दलों के प्रति कोई निष्ठा नहीं रखते।"

पूर्व नौकरशाहों के अनुसार, यह एक आकस्मिक चूक या भटकी हुई त्रुटि नहीं थी, बल्कि अपनी राजनीतिक जीत के लिए सरकारी मशीनरी का उपयोग करने के इरादे से आप द्वारा की गई एक जानबूझकर और सोची-समझी अपील थी।

उन्होंने मांग की कि आप की मान्यता वापस ली जानी चाहिए, क्योंकि इसने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के प्रावधानों का भी गंभीर उल्लंघन है।


आईएएनएस
गांधीनगर


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