अभिषेक बनर्जी ने हद पार की : धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि सीबीआई से मामलों की जांच कराने के आदेश को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने न्यायपालिका की आलोचना करके हद पार कर दी है।
![]() पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ |
राज्यपाल ने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि राज्य में संवैधानिक प्राधिकारों पर हमले हो रहे हैं।
धनखड़ ने कहा, उन्होंने बनर्जी की टिप्पणियों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले में राज्य के मुख्य सचिव से तत्काल उचित कार्रवाई करने को कहा। राज्यपाल दार्जीलिंग की यात्रा पर हैं। उन्होंने बागडोगरा हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद कहा, राज्य में संवैधानिक संस्थानों पर हमले हो रहे हैं, न्यायपालिका पर हमला निंदनीय है। उन्होंने कहा, एक आमसभा में उस न्यायाधीश पर निशाना साधना जिसने एसएससी घोटाला मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, बेहद निंदनीय है। माननीय संसद सदस्य ने हद पार कर दी है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले एक वर्ष में कई मामलों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, जिनमें चुनाव बाद हुई हिंसा और स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने के मामले भी शामिल हैं। बनर्जी ने शनिवार को हल्दिया में एक रैली में राज्य में ‘प्रत्येक मामले’ में सीबीआई जांच को लेकर ‘न्यायपालिका में एक प्रतिशत लोगों’ की आलोचना की थी।
बनर्जी ने कहा था, मुझे यह कहते हुए शर्म महसूस हो रही है कि न्यायपालिका में एक या दो ऐसे लोग हैं जो प्रत्येक मामले में सीबीआई जांच का आदेश दे रहे हैं। यह न्यायपालिका का केवल एक प्रतिशत है..। उन्होंने कहा था, अगर आपको लगता है कि सच बोलने के लिए आप मेरे खिलाफ कार्रवाई करोगे तो मैं हजार बार सच बोलूंगा। इस घटनाक्रम ने तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल के बीच गतिरोध को और बढ़ा दिया है।
बंगाल की समस्याओं से ध्यान हटाने को पैदा किया कुलाधिपति का मुद्दा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि राज्य की समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए विविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में उनके पद और दायित्वों को लेकर मुद्दे पैदा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला दिसंबर 2021 में भी उठाया गया था। राज्य विविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल को हटाने के प्रयास के बाबत पूछे गए सवालों के जवाब में धनखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए) मीडिया का ध्यान आकषिर्त करने का खेल है। सरकार क्या करती है उसकी चिंता मुझे तब तक नहीं, जब तक कागजात मेरे पास नहीं आते। जब कागजात मेरे पास आएंगे, तब मैं संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करूंगा।’’ पश्चिम बंगाल मंत्रिमंडल ने हाल में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके तहत राज्यपाल के स्थान पर मुख्यमंत्री को राज्य विविद्यालयों का कुलाधिपति बनाया जाना है।
इस प्रस्ताव को विधानसभा में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। धनखड़ ने कहा कि ‘‘कोई विधेयक तभी कानून बनता है, जब राज्यपाल उस पर हस्ताक्षर करते हैं। एक अध्यादेश भी तभी जारी होता है, जब राज्यपाल स्वीकृति देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया ‘कलंकित’ है और यह ‘शर्म’ की बात है।
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