हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला के लिए सजा पर फैसला टला, आदेश सुरक्षित

Last Updated 26 May 2022 03:22:53 PM IST

आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराए गए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा की अवधि पर यहां की एक अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।


ओम प्रकाश चौटाला (फाइल फोटो)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की दलीलों के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने चौटाला के वकील का विरोध किया, जिन्होंने 87 वर्षीय राजनेता के लिए चिकित्सा आधार पर रियायत के लिए तर्क किया था। वहीं केंद्रीय एजेंसी ने चौटाला के लिए अधिकतम सजा की मांग की। एजेंसी ने कहा कि दोषी एक सार्वजनिक जीवन में है, सजा कम हुई तो समाज में गलत संदेश जाएगा। यह भी तर्क दिया गया कि चौटाला को दूसरी बार दोषी ठहराया गया है और उनकी छवि साफ नहीं है।

कोर्ट ने 19 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, चौटाला 1993 और 2006 के बीच 6.09 करोड़ रुपये (आय के अपने वैध स्रोत से अधिक) की संपत्ति एकत्र करने के लिए जिम्मेदार हैं। मई 2019 में, प्रवर्तन निदेशालय ने 3.6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी।

चौटाला को जनवरी 2013 में जेबीटी घोटाले में भी दोषी ठहराया गया था।

2008 में चौटाला और 53 अन्य पर 1999 से 2000 तक हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में आरोप लगाए गए थे। जनवरी 2013 में, एक अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय सिंह चौटाला को विभिन्न प्रावधानों के तहत दस साल के कारावास की सजा सुनाई थी। चौटाला को 3,000 से अधिक अयोग्य शिक्षकों की अवैध रूप से भर्ती करने का दोषी पाया गया था।

पैरोल पर बाहर, चौटाला को 2 जुलाई, 2021 को तिहाड़ जेल से उचित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 10 साल की जेल की सजा से रिहा कर दिया गया था।

वह 1989 से 2005 के बीच चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। उनके पोते दुष्यंत चौटाला हरियाणा के उपमुख्यमंत्री हैं।

 

आईएएनएस
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment