रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से गोवा का पर्यटन उद्योग प्रभावित

Last Updated 12 Mar 2022 06:17:01 PM IST

गोवा में आने वाले अधिकतर विदेशी पर्यटक रूस के होते हैं, इसी कारण रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग का असर यहां के पर्यटन उद्योग पर भी देखा जा सकता है।


कोरोना महामारी के कारण गत दो साल से काफी मुश्किलों का सामना कर रहा पर्यटन उद्योग इस बार प्रतिबंधों में आयी ढीलाई का लाभ उठाने का सोच ही रहा था तो पूरा वैश्विक परिदृश्य ही एकबारगी बदल गया।

राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन उद्योग की हिस्सेदारी 50 फीसदी है और ऐसे में इस उद्योग के सामने आयी चुनौतियां सिर्फ उस तक सीमित न होकर पूरे राज्य के लिये चुनौती का सबब बन जाती है।

गोवा के कलंगुट और कैंडोलिम समुद्री तट के अतिव्यस्ततम मोड़ पर शशांक सर्वेया की शराब की दुकान में पिछले 20 दिन से रूस के एक भी पर्यटक की झलक तक देखने को नहीं मिली है।

सर्वेया के लिये यह कोई मामूली बात नहीं है। उनके लिये कम बजट में सफर करने वाले रूस और यूक्रेन के पर्यटक सिर्फ कमाई का जरिया नहीं हैं। उनका कहना है कि विदेशी और घरेलू पर्यटक मिलकर ही गोवा को एक सफल पर्यटक स्थल बनाते हैं। उन्होंने बताया कि रूसी पर्यटकों को इंडियन डार्क ओल्ड मॉन्क बहुत पसंद आता है।

अक्टूबर से मार्च तक गोवा में पर्यटकों की भीड़ लगी होती थी लेकिन 2020 और 2021 का सीजन कोरोना की भेंट चढ़ गया और इस बार युद्ध का ग्रहण लग गया।

गोवा के लिये रूस के पर्यटकों का महत्व सरकारी आंकड़ों से साफ पता चलता है। वर्ष 2018 में ब्रिटेन के 2,94,569 पर्यटक और रूस के 3,33,565 पर्यटक गोवा आये और अगले साल यानी 2019 में ब्रिटेन के पर्यटकों की संख्या घटकर 2,71,684 हो गयी तो रूस के पर्यटकों की संख्या बढ़कर 3,41,730 हो गयी।

वर्ष 2018 में यूक्रेन के 46,826 पर्यटक गोवा घूमने आये तो 2019 में 39,585 पर्यटक आये।

2020 में की शुरूआत में जब कोरोना पूरी दुनिया में अपनी धमक दे रहा था तब से ही गोवा के पर्यटन उद्योग पर ग्रहण लग गया।

वर्ष 2020 में ब्रिटिश पर्यटकों की संख्या महज 2,695, रूस के पर्यटकों की संख्या 1,164 और यूक्रेन के पर्यटकों की संख्या 22 रह गयी।

रूस, ब्रिटेन, जर्मनी, यूक्रेन और अन्य यूरोपीय देशों में जब कड़ाके की सर्दी पड़ने लगती है, तो पर्यटक सर्दी की गुनगुनी धूप का मजा लेने के लिये अक्टूबर से गोवा आने लगते हैं। गोवा का पर्यटन सीजन मार्च तक होता है।

गोवा आने वाले विदेशी पर्यटकों में रूस के पर्यटकों की संख्या सर्वाधिक होती है। महामारी से पहले गोवा में करीब 80 लाख पर्यटक आये, जिनमें से पांच लाख से अधिक विदेशी पर्यटक थे।

गोवा के रिसॉर्ट, इंटरटेनमेंट और समुद्री तट से जुड़ी कारोबारी गतिविधियों के लिये चार्टर्ड टूरिस्ट जीवनरेखा की तरह होते हैं।

राज्य के पर्यटन मंत्री मेनिनो डिसूजा ने कहा कि यूरोप में छिड़ी जंग से गोवा का पर्यटन उद़योग प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि इस युद्ध से पहले भी चार्टर्ड फ्लाइट को रद्द करना पड़ा था। इससे न सिर्फ पर्यटन उद्योग प्रभावित होगा बल्कि इसका प्रभाव पर्यटन अर्थव्यवस्था पर भी रहेगा। गोवा आने वाले अधिकांश विदेशी पर्यटक रूस के हैं और अगर उड़ानें रद्द होती हैं तो इसका असर हम पर जरूर होगा।

ऑल गोवा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के गौरीश ढोंड के मुताबिक पर्यटन उद्योग की निगाहें अब घरेलू पर्यटकों पर ही टिकी हैं। घरेलू पर्यटक की इस दौर में गोवा के पर्यटन उद्योग को जीवित रख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जब विदेशी और घरेलू दोनों पर्यटक गोवा आते हैं तो यह हमारे लिये बहुत अच्छी स्थिति होती है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पूरे यूरोप में हलचल मची हुई है। ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। यह पूरा सीजन बर्बाद हो गया है और रूस तथा यूरोप के पर्यटकों को गोवा का रुख करने में अभी समय लगेगा।

गोवा इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में सहायक प्रोफेसर अमीय कुमार साहू ने कहा कि गोवा को भू-राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार बदलना होगा। गोवा को एक दीर्घावधि योजना की जरूरत है और उसे स्रोत देशों के पोर्टफोलियो को बढ़ाने पर भी विचार करना होगा।

उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचे में सुधार करके गोवा के पर्यटन संबंधी माहौल को बेहतर बनाया जा सकता है। लक्षित देशों के अनुसार उनकी पसंद और जरूरतों के मुताबिक पर्यटन उद्योग में बदलाव की आवश्यकता है। यह भागीदारी और साढेदारी से संभव है। गोवा को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिये समुचित प्रचार की जरूरत है। गोवा को पूरे साल के लिये इवेट की योजना बनानी होगी और एक टूरिज्म कैलेंडर बनाना होगा।
 

आईएएनएस
पणजी


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