मणिपुर पिछले विधानसभा चुनाव 2017 की तरह ही एक बार फिर से त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रहा है। वहीं भाजपा यहां 20 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
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भाजपा की अलग सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को सात सीटें मिली हैं।
हालांकि भाजपा को छोटे दलों के समर्थन से मणिपुर में दूसरी बार सरकार बनाने का भरोसा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार एनपीपी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
इस बार एनपीपी और बीजेपी की एक और अलग सहयोगी नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे।
चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के मुताबिक, 60 में से 41 सीटों पर नगा पीपुल्स फ्रंट को छह, कांग्रेस को तीन, जनता दल (यूनाइटेड) को दो, निर्दलीय को दो सीटें और कुकी पीपुल्स एलायंस को एक सीट पर बढ़त मिली है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के 16 जिलों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना जारी है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजेश अग्रवाल ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मतगणना केंद्रों और आसपास के इलाकों में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है।
अधिकारियों ने कहा कि कड़े सुरक्षा उपायों के साथ-साथ कोविड-19 के खिलाफ मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के बीच राज्य के 16 जिलों में 41 मतगणना हॉलों में वोटों की गिनती जारी है।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश अग्रवाल ने कहा कि मतगणना केंद्रों और आसपास के इलाकों में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 28 फरवरी और 5 मार्च को 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा के लिए दो चरणों के चुनाव में 20,48,169-मजबूत मतदाताओं में से लगभग 89.3 प्रतिशत ने अपना वोट डाला है।
इस साल का मतदान प्रतिशत 2017 और 2012 के विधानसभा चुनावों की तुलना में अधिक है, जब क्रमश: 86.4 प्रतिशत और 79.5 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
भाजपा, कांग्रेस, एनपीपी, एनपीएफ और जनता दल (यूनाइटेड) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों की 17 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 265 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।
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