गणतंत्र दिवस पर गुजरात की झांकी 1922 के पाल, दधवाव गांवों के शहीदों की याद दिलाएगी

Last Updated 23 Jan 2022 06:39:58 AM IST

इस साल गणतंत्र दिवस परेड में गुजरात की झांकी में साबरकांठा के पाल और दधवाव गांवों के नरसंहार को दिखाया जाएगा, जिसमें ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए 1922 में 1,200 आदिवासी शहीद हुए थे।


गणतंत्र दिवस पर गुजरात की झांकी 1922 के पाल, दधवाव गांवों के शहीदों की याद दिलाएगी

मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में 7 मार्च, 1922 को ब्रिटिश शासकों द्वारा लगाए गए जागीरदार और रजवाड़ा से संबंधित भूमि राजस्व प्रणाली और कानूनों के विरोध में कई आदिवासी लोग उनकी नदी के तट पर एकत्र हुए थे।

मेजर एचजी सटन के फायरिंग आदेश के बाद लगभग 1,200 आदिवासी शहीद हो गए थे। यह भी कहा जाता है कि इलाके के कुएं आदिवासियों के शवों से भरे हुए थे।

गणतंत्र दिवस पर गुजरात की झांकी में 1922 की घटना को दर्शाया जाएगा। इसमें मोतीलाल तेजावत की 7 फुट ऊंची प्रतिमा के अलावा ब्रिटिश अधिकारी व अन्य की प्रतिमा होगी। झांकी में कुल छह कलाकार प्रस्तुति देंगे।



शहीदों के कब्रिस्तान कहे जाने वाले ढेखड़िया कुवा और दुधिया कुवा नाम के दो कुएं भी झांकी का हिस्सा होंगे। झांकी के दोनों ओर मिट्टी के दो घोड़ों का चित्रण किया जाएगा।

साबरकांठा के पोशिना तालुका के आदिवासी कलाकारों द्वारा पारंपरिक 'गेर' नृत्य और संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा।

आईएएनएस
गांधीनगर


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