बंगाल भाजपा नेता के बयान ने उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों को हवा दी
बंगाल भाजपा के नेता सब्यसाची दत्ता के एक बयान ने उनके पार्टी छोड़ने की अटकलों को हवा दे दी है। दत्ता विधाननगर से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
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इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि विधाननगर नगर पालिका के पूर्व मेयर, जिन्होंने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस से भगवा खेमे में छलांग लगा दी थी, अब तृणमूल नेतृत्व से संपर्क बना रहे हैं और जल्द ही खेमा बदल सकते हैं।
दत्ता ने बुधवार को लखीमपुर खीरी की घटना पर मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैंने इस घटना को टेलीविजन पर देखा है। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि वाहन किसका है .. यह एक दुखद घटना है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को फांसी दी जाए।"
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीआरपीसी की धारा 144 लागू किए जाने का जिक्र करते हुए तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक ने कहा, "किसी भी आंदोलन को कुचलने का यह तरीका नहीं हो सकता। यह लोकतांत्रिक देश है। हम तालिबान सरकार के अधीन नहीं रह रहे हैं।"
इस बयान से दत्ता के खेमा बदलने की अटकलें तेज हो गईं। राजनीतिक गलियारों में पहले से ही अफवाहें थीं कि पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य सचिव दत्ता, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं और उनके पिछली पार्टी जल्द लौटने के आसार हैं।
हालांकि, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि स्थानीय नेतृत्व के कड़े प्रतिरोध के कारण दत्ता का पार्टी में प्रवेश आसान नहीं होगा।
दत्ता के विधाननगर के विधायक और राज्य के मंत्री सुजीत बोस और राजारहाट न्यूटाउन के विधायक तापस चटर्जी के साथ भी संबंध हैं, जो तृणमूल के पूर्व विधायक की 'घर-वापसी' के बारे में अपनी आपत्ति जता चुके हैं।
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