पंजाब : विधायक सुखपाल खैरा की संपत्तियों की ED ने ली तलाशी

Last Updated 09 Mar 2021 12:12:38 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग और फर्जी पासपोर्ट गिरोह मामले में चंडीगढ़, पंजाब और दिल्ली समेत पंजाब एकता पार्टी के विधायक सुखपाल सिंह खैरा के आठ ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।


जांच से जुड़े ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि खैरा से जुड़े कई परिसरों में सुबह से ही तलाशी चल रही है।

अधिकारी ने कहा कि पंजाब में पांच स्थानों पर, चंडीगढ़ में एक और दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी चल रही है।

ईडी अधिकारियों की टीम चंडीगढ़ में खैरा के सेक्टर 5 स्थित आवास पर भी तलाशी कर रही है। छापे के समय खैरा अपने वकील बेटे के साथ घर में मौजूद थे। खैरा भोलाथ से विधायक और पूर्व नेता विपक्ष हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी संपत्ति के कागजात के साथ-साथ खैरा के बैंकिंग लेनदेन की भी पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने के बाद तलाशी चल रही है।

खैरा (56) पंजाब एकता पार्टी के विधायक हैं और 2019 में उन्होंने इस पार्टी का गठन किया था। वह कपूरथला जिले में भोलाथ से विधायक हैं।  वह 2017 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।    

खैरा ने अपने घर के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘‘उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है।’’ हालांकि उन्होंने पत्रकारों को विस्तार में कुछ नहीं बताया।  उन्होंने बताया कि ईडी की टीम सुबह साढे सात बजे उनके घर पहुंची।    

उनके वकील का कहना है कि चूंकि खैरा ने किसान आंदोलन का समर्थन किया, इसलिए छापेमारी की जा रही है।

खैरा के निवास पर पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. बैंस ने मीडिया को बताया कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को निशाना बनाने के लिए छापेमारी की गई।

गौरतलब है कि, 8 मार्च को खैरा ने ट्वीट करके किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने ट्वीट किया था - "हमारी महिला किसान हमारी ताकत हैं। वे पिछले तीन महीनों से पुरुषों के साथ-साथ विरोध-प्रदर्शन में बैठी हैं। वे भी यह जानती हैं कि इन कानूनों का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। विरोध में उनकी उपस्थिति हमें दोहरी शक्ति देता है।"

वर्ष 2019 में खैरा ने एक नया क्षेत्रीय राजनीतिक संगठन - पंजाबी एकता पार्टी बनाया और राज्य के लोगों को एक विकल्प देने का संकल्प लिया। खैरा ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के "तानाशाही" रवैये का हवाला देते हुए आप पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
 

आईएएनएस/भाषा
चंडीगढ़


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