अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर मना रहा पहली ईद, प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम
जम्मू कश्मीर के लोग राज्य का विशेष दर्जा हटने के बाद भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सोमवार को पहली ईद मना रहे हैं।
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कश्मीर घाटी में सोमवार को सुबह सभी मस्जिदों में ईद उल अज़हा की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई, लेकिन कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगे होने के कारण सड़कों से त्योहार की रौनक गायब रही। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने बताया कि लोगों के बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकत्रित होने पर रोक है। कई बड़ी मस्जिदों में नमाज की इजाजत ना दिए जाने की भी खबर है।
अधिकारियों ने रविवार को कहा था कि लोगों को उनके घरों के नजदीक वाली मस्जिदों में जाने और नमाज पढने की छूट होगी।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘ घाटी के अनेक हिस्सों में ईद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से अदा की गई। अभी तक किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।’’
खबरों के अनुसार, अधिकारियों ने विभिन्न मस्जिदों में मिठाइयां भी बांटी। ईद उल अज़हा की पूर्व संध्या में घाटी में प्रतिबंधों में थोड़ी छूट दी गई थी, ताकि लोग त्योहार के लिए खरीदारी कर सकें।
#Eid #prayers concluded #peacefully in various parts of the #valley. No untoward incident reported so far. @JmuKmrPolice @diprjk @PIBHomeAffairs
— Kashmir Zone Police (@KashmirPolice) August 12, 2019
SRINAGAR: People offered namaz in the morning at Mohalla mosques in various parts of the city on #EidAlAdha, today. #JammuAndKasmir pic.twitter.com/5TcwnW0bQf
— ANI (@ANI) August 12, 2019
बहरहाल, कश्मीर के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक ईद उल अज़हा की रौनक इस बार नजर नहीं आ रही है।
अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर में स्थिति का जायजा ले रहा है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रतिबंधों से लोगों को कम से कम पेरशानी हो।
अन्य एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में पर्याप्त भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है और कुछ सामग्री को घरों तक पहुंचाए जाने की व्यवस्था करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में शांति कायम रखना और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना सरकार की प्राथमिकता है।
गौरलतब है कि जम्मू-कश्मीर को विशेषदर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को केन्द्र सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के बाद से घाटी में प्रतिबंध लगे हुए हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित है।
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