तमिलनाडु में उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया पोंगल उत्सव
तमिलनाडु में पारंपरिक फसल उत्सव पोंगल मंगलवार को पूरे धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।
तमिलनाडु में उत्साह के साथ मनाया गया पोंगल |
राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने लोगों को पोंगल की शुभकामनाएं दीं।
पोंगल पर्व की शुरुआत तमिल महीने ‘थाई’ के पहले के साथ होती है। चार दिनों तक मनाया जाने वाला यह त्योहार प्रमुख रूप से कृषि पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। पोंगल सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का प्रतीक है।
तमिलनाडु के लोग फसल के पर्व पोंगल को पूरे धार्मिक उल्लास के साथ मनाते हैं और वर्षा, सूर्य और मवेशियों के प्रति आभार जताते हैं। मंगलवार से शुरू हुए इस पर्व पर लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान के बाद नए कपड़े पहनकर मंदिर जाकर भगवान की आराधना करते हैं। उसके बाद चावल, गुड़, दूध और चने की दाल से पारंपरिक पकवान ‘पोंगल’ तैयार किया जाता है और भगवान सूर्य को भोग लगाकर उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
इस बार पोंगल का त्योहार 15 जनवरी से 18 जनवरी तक मनाया जाएगा।
दूसरे दिन पोंगल का मुख्य त्योहार होता है, जो तमिल महीने थाई के पहले दिन मनाया जाता है। तीसरा दिन मट्टू पोंगल होता है, जब गाय, बैलों को नहलाकर उनके सींगों को रंगा जाता है और उनकी पूजा की जाती है। महिलाएं पक्षियों को रंगे हुए चावल खिलाती हैं और अपने भाइयों के कल्याण के लिए प्रार्थना करती हैं।
राज्य के कुछ हिस्सों में सांड को पकड़ने के खेल - जल्लीकट्टू का भी आयोजन किया जाता है। चौथे दिन कन्नम पोंगल मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों के घर जाकर उनसे मुलाकात करते हैं और घूमने-फिरने जाते हैं।
चक्रवाती तूफान गाजा के कारण हालांकि इस त्योहार की रौनक कुछ कम हुई है।
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