डल झील के जमे हिस्सों पर टहलने, खेलने न जाएं: पुलिस
जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के उपायुक्त डॉ. सैयद आबिद रशीद शाह ने शनिवार को लोगों को आगाह किया कि वे विश्व प्रसिद्ध डल झील के जमे हुए हिस्सों पर न जायें और न ही खेलें क्योंकि यह खतरनाक साबित हो सकता है।
(फाइल फोटो) |
शाह ने लोगों से झील के जमे हुए हिस्सों पर जाने या खेलने की कोशिश से गुरेज करने की अपील करते हुए कहा कि यह खतरनाक और संभवत: जानलेवा साबित हो सकता है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘सावधान! श्रीनगर में तापमान शून्य से नीचे जाने के कारण इन दिनों डल झील के काफी हिस्से, विशेषकर किनारे और आंतरिक भाग जम गया है। इस वजह से इन हिस्सों में टहलना या खेलना खतरनाक और संभवत: जानलेवा है। लोगों से आग्रह है कि वे इस पर ध्यान दें और ऐसा करने से गुरेज करें। मीडिया के दोस्त इस अपील को प्रसारित करें।’’
उल्लेखनीय है कि श्रीनगर में दिसंबर महीने में पिछले तीन दशकों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए न्यूनतम तापमान शून्य से सात डिग्री सेल्सियस से शून्य से 7.6 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है, जिसके कारण कुछ दिनों ने डल झील के हिस्से विशेषकर इसके किनारे के हिस्से जमे हुए हैं।
झील के बीच वाले हिस्सों में जमी बर्फ हालांकि दिन चढ़ने के साथ पिघल जाती है लेकिन इसके किनारों और आंतरिक हिस्सों में बर्फ जमी रहती है। डल झील 1965 में पूरी तरह जम गयी थी। उस समय इस पर एक जीप एक छोर से दूसरे छोर तक चली गयी थी। इसके बाद 1980 और 1990 में डल झील फिर से पूरी तरह से जम गयी थी। भारी संख्या में स्थानीय निवासी और पर्यटक झील के जमे हिस्सों में आइस हॉकी और क्रिकेट खेलने के अलावा टहल रहे थे। बाद में सरकार ने इन गतिविधियों पर रोक लगा दी और झील के किनारे पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया।
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