मेजर के खिलाफ पुलिस जांच पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगाई

Last Updated 05 Mar 2018 06:58:56 PM IST

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को मेजर आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के अनुसरण में जम्मू एवं कश्मीर पुलिस द्वारा आगे किसी भी जांच पर रोक लगा दी है.


सर्वोच्च न्यायालय (फाइल फोटो)

कश्मीर के शोपियां जिले में पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने के सेना के प्रयास में तीन नागरिकों की मौत के मामले में यह प्राथमिकी जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने दर्ज की है. सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वीई. चंद्रचूड़ की पीठ ने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस द्वारा मामले में आगे जांच करने पर रोक लगाते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह की याचिका पर अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करने का आदेश दिया.

लेफ्टिनेंट कर्नल करमवीर सिंह एक सैन्य अधिकारी हैं और मेजर आदित्य कुमार के पिता हैं. उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए अदालत की शरण ली हुई है.

सुनवाई के शुरू होते ही महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने अदालत को बताया कि सशस्त्र बलों के विशेष पॉवर अधिनियम (अफ्सपा) की धारा सात के तहत किसी भी उपद्रवग्रस्त क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मी के खिलाफ बिना केंद्र की मंजूरी के शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती है.

महान्यायवादी ने कानून के तहत उपद्रवग्रस्त क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मी के खिलाफ बिना केंद्र की मंजूरी के शिकायत दर्ज नहीं होने के अपने दावे के साथ शीर्ष अदालत द्वारा 2006 और 2014 में दिए गए फैसले का हवाला दिया.

हालांकि, जम्मू एवं कश्मीर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील शेखर नाफाडे ने इस कथन का विरोध करते हुए कहा कि एफआईआर के पंजीकरण और आरोपपत्र दाखिल करने का अर्थ इन आरोपों को संज्ञान में लेना नहीं है, इसलिए इस पर केंद्र की मंजूरी की जरूरत नहीं है.



वेणुगोपाल ने नाफाडे के इस तर्क का विरोध किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अफ्सपा की धारा सात एक तरह से लोगों को जान से मारने के लाइसेंस के रूप में देखी जा सकती है.

महान्यायवादी ने नाफाडे के शब्दों 'लाइसेंस टू किल' पर विरोध जताया.

नाफाडे ने अदालत को बताया कि एफआईआर में आरोपी के तौर पर मेजर कुमार का नाम तक नहीं है.

12 फरवरी को हुई मामले की पिछली सुनवाई में अदालत ने जम्मू एवं कश्मीर पुलिस को मेजर कुमार के खिलाफ किसी भी कदम को उठाने पर रोक लगा दी थी.

आईएएनएस


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