कारसेवकों को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर माना जाए : हिंदू संत

Last Updated 03 Jan 2018 03:28:56 AM IST

अयोध्या में जल्द ही राममंदिर निर्माण की मांग करते हुए कई हिंदू संतों ने कहा है कि सरकार को उन सभी को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर मानना चाहिए.


कारसेवकों को स्वतंत्रता सेनानियों के बराबर माना जाए

जिन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान किया या उस समय जेल में रहे.

हिंदू धार्मिक संतों की एक सभा में पारित एक प्रस्ताव में कहा गया, यह (नरेंद्र) मोदी और योगी (आदित्यनाथ) सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे उन लोगों को रामसेवकों का दर्जा दें और उनसे स्वतंत्रता सेनानी जैसा व्यवहार करें जिन्होंने रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान अपने जीवन का बलिदान किया या जेल में रहे. 

यह प्रस्ताव पूरे देश के 50 महामंडलेश्वरों के चार दिवसीय सम्मेलन वैचारिक महाकुंभ में पारित किया गया जिसका आयोजन मुम्बई के पास भायंदर में गत 29 दिसंबर से एक जनवरी तक हुआ.

ठाणे में पारित एक अन्य प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक राममंदिर का निर्माण जल्द होना चाहिए क्योंकि यह 125 करोड़ हिंदुओं की आस्था का मामला है.

इस सम्मेलन का आयोजन अनंतश्री विभूषित महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती महाराज ने किया था और इसमें पारित एक अन्य प्रस्ताव में गाय को राष्ट्रीय पशु और भगवत गीता को राष्ट्रीय साहित्य घोषित करने की मांग की गई है.

भाषा


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