आदिवासी इलाका : जहां अब भी मोदी हैं मुख्यमंत्री
नरेद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बने तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं. लेकिन गुजरात के लोगों के लिए मोदी ही अब भी राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
(फाइल फोटो) |
गुजरात के लोगों के लिए मोदी ही अब भी राज्य के मुख्यमंत्री हैं. ऐसा लगता है कि गुजरात के कुछ आदिवासी इलाकों में समय ठहरा हुआ है.
छोटा उदयपुर जिले के भीतरी हिस्सों में राठवा जैसी अनुसूचित जनजति के सदस्यों की खासी संख्या है. यहां मतदाताओं का कहना है कि वे राजनीति में तीन ही चीजें जानते हैं- मोदी, मोदी की पार्टी और कांग्रेस.
कुछ ही लोगों ने भाजपा का नाम लिया और इसे मोदी की पार्टी बताया. जब उनसे कांग्रेस के बारे में पूछा गया तो वे सिर्फ इंदिरा गांधी को ही याद कर सके.
50 वर्षीय रामसिंह राठवा ने कहा, मेरे पूर्वज हमेशा कांग्रेस को वोट देते थे लेकिन अब आसपास के लोग मोदी साब की पार्टी के उम्मीदवार को भी वोट देते हैं.
रामसिंह अपने गांव कांडा के तीन लोगों के साथ छोटा उदयपुर में थे और उन्होंने कमल को मोदी की पार्टी का चुनाव चिह्न बताया लेकिन वह भाजपा से अवगत नहीं थे.
चार अन्य किसानों ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र से कोई भी उम्मीदवार जीते, मोदी एक बार फिर गुजरात के मुख्यमंत्री बनेंगे.
छोटा उदयपुर क्षेत्र के ही एक अन्य गांव जोगपुरा के मतदाता दिलीप राठवा ने कहा कि मुकाबला कांग्रेस और मोदी के बीच है.
उन्होंने कहा कि आम तौर पर ग्रामीण एक ही उम्मीदवार को वोट देते हैं और मोदी लोकप्रिय हैं लेकिन स्थानीय कांग्रेस नेता शादी जैसी मौकों पर आते हैं.
छोटा उदयपुर जिले की तीन सुरक्षित सीटों पर आदिवासी-मुस्लिम गठबंधन से कांग्रेस को फायदा हो सकता है. लेकिन स्थानीय भाजपा नेताओं का मानना है कि मोदी के व्यक्तित्व से हमेशा पार्टी को जीतने में मदद मिली है.
पावी जेतपुर में एक स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता रमेश पटेल इस बात से सहमत थे कि मुकाबला स्थानीय कांग्रेस उम्मीदवारों और मोदी की लोकप्रियता के बीच है.
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