हमें कोई सीखा नहीं सकता: ममता बनर्जी

Last Updated 21 Sep 2017 10:11:58 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मूर्ति विसर्जन पर राज्य सरकार के फैसले को हाईकोर्ट द्वारा निरस्त किए जाने के बाद कड़े तेवर अपनाते हुए आज कहा कि उन्हें कोई सीखा नहीं सकता और बांग्ला संस्कृति का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

सुश्री बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता में एक दुर्गा पूजा समिति के उद्घाटन के मौके पर कहा, हम बांग्ला संस्कृति और विरासत का अपमान तथा राज्य में मौजूद सौहार्द की स्थिति को नुकसान पहुंचाने की प्रवृति को बर्दाश्त नहीं कर सकते. राज्य के लोग दुर्गा पूजा के भक्तिमय माहौल में रमने की तैयारी में जबकि कुछ लोग बांग्ला संस्कृति को कमतर आंकने और  अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं तथा अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोच्च होता है.

उन्होंने कहा, प्रति वर्ष लाखों लोग पूजा पंडाल में आते हैं. पूजा आयोजक क्या किसी से नाम यानी राम, रहीम, पॉल, संतोष अथवा जेम्स के नाम पर भेदभाव करते हैं. क्या वहां धर्म ने नाम पर भेदभाव किया जाता है. नहीं, वे ऐसा नहीं करते हैं और करेंगे भी क्यों. हमें रवीन्द्र नाथ टैगोर से शिक्षा लेनी चाहिए जिन्होंने पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्रविड़, उत्कल, बंग लिखा है.

मुख्यमंत्री ने कहा, तुष्टिकरण के आरोप अत्यंत ही अपमानजनक होते हैं. मैं मानवता में विश्वास करती हूं. मेरा मानना है कि मानव जाति की सेवा सबसे बड़ा धर्म है. मैं ऐसे धर्म में विश्वास करती हूं जो निर्माण करता है ना कि विनाश. मैं विभाजन और दंगों की राजनीति से घृणा करती हूं. मैं हिंसा का समर्थन नहीं करती और ना ही दंगों के नाम पर लोगों के बीच झगड़ा पैदा करती हूं.



बनर्जी ने कहा, केंद्र सरकार हमारे खिलाफ अपनी एजेंसियों का लगातार दुरुपयोग कर रही है. लेकिन मुझे विश्वास है कि भगवान के आशीर्वाद से, हम ऐसी साजिशों को पराजित कर देंगे.

उन्होंने कहा, सुब्रत दा लम्बे समय से दुर्गा पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं. मैं अपने घर पर काली पूजा आयोजित करती हूं. हमने कभी शनिवार या एकादशी के दिन विसर्जन की बात नहीं सुनी. हमारे त्योहारों और संस्कृति को छोटा करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग शांति और सद्भाव के साथ रह रहे हैं, लेकिन कुछ वर्ग लोगों में मतभेद पैदा करने और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा है.        

सुश्री बनर्जी ने कहा, मैं हर दिन 'चंडीपाठ' करती हूं. मैं अल्लाह की भी इबादत करती हूं. मैं माता दुर्गा के साथ मां काली की भी पूजा करती हूं. मैं मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की भी पूजा करती हूं. मैं ईद के साथ ही क्रिसमस भी मनाती हूं. हम कुरान, पुराण, वेद, वेदांत, बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब, गीता- सभी का सम्मान करते हैं. यह हमारी संस्कृति है जो हमारे अभिभावकों से विरासत में मिली है और हम जब तक जीवित हैं तबतक इसकी रक्षा करेंगे.

वार्ता


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