राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, बैठक बारह बजे तक स्थगित
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट पर दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।
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हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 83 वर्षगांठ के अवसर पर देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई। यह आंदोलन 1942 में महात्मा गांधी की अगुवाई में शुरू किया गया था और पांच साल बाद, 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ था।
स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के बाद आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए गए।
उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर आज के लिए नियत कामकाज स्थगित कर नियम 267 के तहत चर्चा करने के लिए 20 नोटिस मिले हैं। उपसभापति ने कहा कि एक ही पार्टी के विभिन्न सदस्य विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस देते हैं और इतने नोटिस पर एक साथ कैसे चर्चा हो सकती है।
उन्होंने नियम 267 तथा नोटिस के संबंध में उच्च सदन के पूर्व सभापतियों हामिद अंसारी और एम वेंकैया नायडू द्वारा पूर्व में दी गई व्यवस्था का जिक्र करते हुए बताया कि ये नोटिस आसन की ओर से अस्वीकार कर दिए गए हैं।
विपक्षी सदस्यों ने इस पर विरोध जताते हुए हंगामा शुरू कर दिया। हरिवंश ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की।
आसन की अनुमति से तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि विपक्षी सदस्य सोमवार को एसआईआर के मुद्दे पर ही नोटिस देंगे और उस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सदस्यों का लोकतांत्रिक अधिकार है कि हम मुद्दे उठाएं।
माकपा के जॉन ब्रिटॉस ने राज्यसभा की कार्य संचालन नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि नियम 267 में स्पष्ट कहा गया है कि सदस्य कैसे अपने मुद्दे इस नियम के तहत उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि या तो इस नियम के तहत चर्चा की अनुमति दी जाए या इस नियम को समाप्त कर दिया जाए।
कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि पूरा विपक्ष चाहता है कि सदन में शांति से कामकाज चले और विपक्ष की बात सुनी जानी चाहिए।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने कहा कि सदन की कार्यवाही से संबंधित नियम स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा ‘‘हर दिन आप बताते हैं कि नोटिस खारिज किए गए। आप साफ-साफ कारण बता दें कि क्यों नोटिस खारिज किए गए।’’
हरिवंश ने कहा कि उन्होंने पहले दी गई व्यवस्था में स्पष्ट उल्लेख किया था कि नोटिस क्यों अस्वीकार किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र में सदस्यों के पास आज तक 195 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत लोक महत्व से जुड़े 195 मुद्दे तथा विशेष उल्लेख के जरिये 195 महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने का अवसर था लेकिन अब तक केवल 13 तारांकित प्रश्न, शून्यकाल के तहत सिर्फ पांच मुद्दे तथा विशेष उल्लेख के जरिये मात्र 17 मुद्दे ही उठाए गए हैं।
उपसभापति ने कहा कि सदन में लगातार व्यवधान होने की वजह से वर्तमान सत्र में आज तक 56 घंटे 49 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है।
इस बीच विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और उनमें से कुछ सदस्य अपने स्थान से आगे आकर नारेबाजी कर रहे थे। हरिवंश ने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बजकर बीस मिनट पर बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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