दिल्ली में मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल देने पर प्रतिबंध की शुरुआत हुई।
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दिल्ली सरकार ने ऐसे वाहनों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में करीब 350 पेट्रोल पंपों पर स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे (एएनपीआर) लगाए हैं।
परिवहन विभाग ने अपने संगठन, दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कर्मियों को शामिल करते हुए एक विस्तृत तैनाती योजना तैयार की है।
परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और स्थानीय पुलिस की कई टीमों को दक्षिण दिल्ली के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर तैनात किया गया है।
यह अभियान मंगलवार सुबह 6 बजे से शुरू हुआ, जिसमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल चालित वाहनों और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को ईंधन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
चिराग दिल्ली के ढींगरा पेट्रोल पंप पर परिवहन प्रवर्तन और दिल्ली यातायात पुलिस की टीम सुबह से ही तैनात देखी गईं।
परिवहन प्रवर्तन टीम के उपनिरीक्षक धर्मवीर ने कहा, ‘‘हम सुबह 6 बजे से यहां हैं ताकि किसी भी पुराने वाहन में ईंधन नहीं भरने दिया जाए। पेट्रोल पंपों को ऐसे वाहनों को ईंधन न देने का निर्देश दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि पुराने वाहनों की पहचान के लिए पंप पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित कैमरे और स्वचालित हूटर सिस्टम भी लगाए गए हैं।
धर्मवीर ने कहा, ‘‘अगर ऐसा कोई वाहन आता है, तो कैमरे तुरंत उसका पता लगा लेते हैं और कर्मचारियों को सचेत करने के लिए हूटर बजा देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में वाहनों को मौके पर ही जब्त कर लिया जाता है।
दिल्ली यातायात पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक जगन लाल ने कहा कि वे अपने केंद्रीय डेटाबेस का उपयोग करके वाहनों के विवरण की पुष्टि कर रहे हैं।
एएसआई जगन लाल ने कहा, ‘‘कैमरे स्वचालित रूप से सूचित करेंगे, लेकिन हमारी टीम भी केंद्रीय डेटाबेस का उपयोग करके वाहनों की जांच कर रही हैं। यह अभियान स्थानीय पुलिस और परिवहन अधिकारियों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है ताकि पूर्ण अनुपालन हो सके और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।’’
ढींगरा पेट्रोल पंप के कर्मचारी हृदय राम ने कहा, ‘‘हमें किसी भी पुराने वाहन में ईंधन नहीं भरने का निर्देश दिया गया है। जैसे ही कैमरे द्वारा या हमें ऐसे वाहन का पता चलता है, हम तुरंत पुलिस या प्रवर्तन दल को सचेत करते हैं।’’
यह कदम वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के प्रयास का हिस्सा है।
साल 2018 में उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के 2014 के एक आदेश में भी सार्वजनिक स्थानों पर 15 साल से पुराने वाहनों की पार्किंग पर रोक लगाई गई थी।
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