उद्योगपति एलन मस्क की स्टारलिंक को भारत में उपग्रह संचार (सैटकॉम) सेवाओं के लिए लाइसेंस मिल गया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो उसे देश में वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के और करीब ले जाएगी।

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यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के बाद स्टारलिंक देश में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने वाली तीसरी कंपनी है।
चौथी आवेदक, अमेज़न की कुइपर अभी भी अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रह है।
सूत्रों ने बताया कि स्टारलिंक को लाइसेंस प्राप्त हुआ है। कंपनी को आवेदन करने के 15-20 दिनों में परीक्षण स्पेक्ट्रम प्रदान किया जाएगा।
स्टारलिंक को अब सेवाएं शुरू करने से पहले वैध अवरोधन के लिए पहुंच प्रदान करने जैसे सुरक्षा मानदंडों का पालन करना होगा।
यह लाइसेंस मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सार्वजनिक रूप से हुए बड़े विवाद के कुछ घंटों बाद आया। दुनिया के सबसे अमीर आदमी और दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब मस्क ने ट्रंप के व्यापक कर-कटौती और व्यय विधेयक की निंदा की। मस्क ने एक सप्ताह पहले सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के प्रमुख के रूप में अपना पद छोड़ दिया था।
दूरसंचार विभाग द्वारा स्टारलिंक को आशय पत्र (एलओआई) जारी किए जाने के लगभग एक महीने बाद डीओटी से लाइसेंस मिला।
हालांकि, जिन कंपनियों को लाइसेंस मिला है, उन्हें वाणिज्यिक सैटकॉम स्पेक्ट्रम के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा क्योंकि दूरसंचार नियामक ट्राई ने हाल ही में मूल्य निर्धारण और नियम व शर्तों पर अपनी सिफारिशें सरकार को विचार के लिए भेजी हैं। रेडियो तरंग आवृत्तियों के आवंटन के बाद कंपनियां अपनी सेवाएं शुरू कर सकेंगी।
भारतीय अंतरिक्ष नियामक ‘इन-स्पेस’ से स्टारलिंक की अंतिम मंजूरी की स्थिति का तुरंत पता नहीं चल सका।
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