दिल्ली पुलिस ने भारत में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे 121 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

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अधिकारी ने बताया कि अवैध प्रवासियों को एक सप्ताह में ही पकड़ लिया गया साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मामले में पांच भारतीयों से पूछताछ की गई। पुलिस उपायुक्त (बाहरी उत्तर) निधिन वलसन ने बताया, “देश में विदेशी नागरिकों के अवैध प्रवेश और उन्हें ठहराने में कथित रूप से शामिल एक संदिग्ध गिरोह की जांच के लिए नरेला औद्योगिक क्षेत्र थाने में भी मामला दर्ज किया गया है।”
उन्होंने बताया कि मामले के संबंध में पांच भारतीयों से पूछताछ की गई है, जिनमें से एक को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 35(3) के तहत नोटिस जारी किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पिछले सप्ताह व्यापक सत्यापन अभियान चलाया, जिसके दौरान 831 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के दस्तावेजों की जांच की गई।
वलसन ने बताया, “बिना वैध दस्तावेजों के देश में रह रहे 121 व्यक्ति पाए गए।”
अधिकारी ने बताया कि अवैध प्रवेश और अप्रवासियों के निवास को सुगम बनाने के लिए जिम्मेदार गिरोह की जांच के लिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के साथ-साथ विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 14 (अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए दंड आदि) और 14सी (उकसाने के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
एक विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है।
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि इसमें शामिल पांच भारतीय अवैध रूप से रह रहे लोगों को संपत्ति किराए पर दे रहे थे।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बिजली मीटर कनेक्शन सहित सरकारी दस्तावेजों की कथित जालसाजी की भी जांच कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि इन दस्तावेजों का कथित तौर पर इस्तेमाल इन अप्रवासियों को स्थानीय पहचान दिलाने के लिए किया गया था।
अधिकारी ने बताया, “संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अगर इन जाली दस्तावेजों को बनाने में कोई संलिप्त पाया जाता है तो सरकारी अधिकारियों समेत सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।
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