भूकंप पीड़ित म्यांमार के लिए 440 टन राहत सामग्री लेकर नौसैनिक जहाज रवाना
म्यांमार में 28 मार्च को विनाशकारी भूकंप आया, इसके बाद से भारत सरकार ने म्यांमार के लोगों की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। इसके तहत राहत प्रयासों को और मजबूत करते हुए, एक अप्रैल को भारतीय नौसेना के जहाज घड़ियाल को चावल, खाद्य तेल और दवाओं सहित लगभग 440 टन राहत सामग्री के साथ म्यांमार के लिए रवाना किया गया। वहीं एक अप्रैल को म्यांमार में प्रभावित लोगों की मदद के लिए भारतीय नौसेना के दो अन्य जहाज 30 टन राहत लेकर म्यांमार के यांगून पहुंच चुके हैं।
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भारत सरकार के ऑपरेशन ब्रह्मा के अंतर्गत यह मदद पहुंचाई जा रही है। इससे पहले भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री लगभग 40 टन राहत सामग्री लेकर 31 मार्च को यांगून पहुंचे थे।
नौसेना ने बताया कि उसके आईएनएस करमुक और एलसीयू -52 लगभग 30 टन राहत सामग्री लेकर 30 मार्च 25 को श्रीविजयपुरम से रवाना हुए और 1 अप्रैल को सुबह यांगून पहुंचे। इस राहत सामग्री में पीड़ितों के लिए वस्त्र, पीने का साफ पानी, खानपान की वस्तुएं, दवाइयां आदि शामिल रही। पीड़ित लोगों को सहायता पहुंचाने के इस अभियान में भारतीय नौसेना, वायु सेना और इंडियन आर्मी शामिल हैं।
म्यांमार को सहायता पहुंचाने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा विदेश मंत्रालय के नेतृत्व में चल रहा है। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, नौसेना और एनडीआरएफ इसमें अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वायुसेना ने अपने विमान भी सेवा में लगाए हैं। अब तक वायुसेना के विमानों से कुल 96.3 टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जा चुकी है।
सेना चिकित्सा कोर तथा एनडीआरएफ के 198 कर्मियों को वायुसेना के सी-130 जे और दो सी-17 विमानों के जरिए हवाई मार्ग से भेजा गया है। जहां वायुसेना के विमानों द्वारा पीड़ितों के लिए मदद पहुंचाई जा रही है, वहीं नौसेना ने अपने समुद्री जहाजों को राहत कार्यों में उतारा है। समुद्री जहाजों से राहत सामग्री की आपूर्ति में विशेष मदद मिली है।
नौसेना ने बताया कि इन जहाजों के जरिए लगभग 52 टन राहत सामग्री पहले ही पहुंचाई जा चुकी है। जिसमें आवश्यक वस्त्र, पीने का पानी, खाद्य सामग्री, दवाइयां और आपातकालीन सामग्रियां शामिल हैं। म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद स्थानीय लोगों की मदद के लिए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत एक विशेष चिकित्सा कार्य बल भी वहां भेजा है।
मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय टीम आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के साथ म्यांमार में है। राहत एवं बचाव ऑपरेशन के हिस्से के रूप में भारतीय सेना आपदा में घायल हुए लोगों की तत्काल देखभाल के लिए 60 बिस्तरों वाला चिकित्सा उपचार केंद्र भी स्थापित किया है। सेना की यह मेडिकल सुविधा ट्रामा के मामलों, आपातकालीन सर्जरी और आवश्यक चिकित्सा सेवाओं को संभालने में सक्षम है। इससे स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सहायता मिलेगी, जो आपदा के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है।
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