Delhi Air Quality: दिल्ली-NCR में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बरकरार, सांस लेने में दिक्कत; AQI 300 के पार
दिल्ली में गुरूवार को भी प्रदूषण का स्तर अधिक रहा और राष्ट्रीय राजधानी के कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 328 दर्ज किया गया और सुबह के समय ‘स्मॉग’ (प्रदूषण के कारण धुंध) की परत छाई रही।
वायु गुणवत्ता को चार विभिन्न चरणों में वर्गीकृत किया जाता है। पहला चरण ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण ‘अत्यंत गंभीर’ (AQI 450 से अधिक) श्रेणी का होता है।
द्वारका, रोहिणी, डीटीयू, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डा (टी 3), आईटीओ, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, शादीपुर, सोनिया विहार, वजीरपुर, अलीपुर, अशोक विहार, आया नगर, बुराड़ी, मंदिर मार्ग, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नजफगढ़ और नेहरू नगर राष्ट्रीय राजधानी के उन 24 इलाकों में शामिल हैं जहां बुधवार और बृहस्पतिवार की सुबह एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
सर्दियों के दौरान दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है। इसके कई कारण होते हैं, जैसे हवा की मंद गति, तापमान में गिरावट, नमी का उच्च स्तर और प्रदूषक कणों की उपस्थिति, जो संघनन के लिए सतह के रूप में कार्य करते हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता खराब होने से श्वसन संबंधी समस्याओं में 30-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसमें बच्चे और बुजुर्ग सबसे अधिक प्रभावित हैं।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)-दो के तहत प्रदूषण रोधी प्रतिबंध मंगलवार को लागू हो गए।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दिल्ली में न्यूनतम तापमान 20.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम में सामान्य से तीन डिग्री अधिक है।
आईएमडी ने कहा कि सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता 70 प्रतिशत दर्ज की गई। विभाग ने अगले तीन दिनों तक आसमान साफ रहने का अनुमान जताया है और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने की उम्मीद है।
तेज हवा से प्रदूषण से कुछ राहत, नोएडा व गाजियाबाद के कई इलाके रेड जोन से बाहर
दिल्ली-एनसीआर में बीती देर रात से चल रही तेज हवा ने प्रदूषण की स्थिति में कुछ हद तक राहत पहुंचाने का काम किया है। नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाके रेड जोन से बाहर आ गए।
बुधवार सुबह से ही स्मॉग की चादर ने पूरे एनसीआर को ढक रखा था। नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया था। लोगों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी थी। सुबह के वक्त नजारा ऐसा था कि जैसे कोहरा छाया हुआ हो, लेकिन धीरे-धीरे दिन निकलने के साथ धुंध कम होना शुरू हुई थी। लेकिन गुरुवार सुबह स्थिति कुछ अलग देखने को मिल रही है। तेज हवाओं की वजह से वायु गुणवत्ता में भी कुछ हद तक सुधार आया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के कई इलाके रेड जोन से बाहर आ गए हैं। अगर यह तेज हवा ऐसे ही चलती रही तो लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी, लेकिन हवा धीमी हुई तो, स्थिति खतरनाक स्तर तक पहुंच सकती है।
बुधवार और गुरुवार के आंकड़ों में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। बुधवार को दिल्ली के सभी इलाके लगभग 300 एक्यूआई के पार चले गए थे और नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति बदतर होती जा रही थी। दिल्ली के आनंद विहार में एक्यूआई बुधवार को 402 था, जो गुरुवार को 389 दर्ज किया गया। जहांगीरपुरी में बुधवार को एक्यूआई 418 दर्ज किया गया था, आज वो 380 पर पहुंच गया है।
नोएडा की अगर बात की जाए, तो बुधवार को यहां एक्यूआई 311 का आंकड़ा छू रहा था, जो आज 189 पर पहुंच गया है। वहीं नोएडा के सेक्टर 1 में बुधवार को एक्यूआई का स्तर 327 था, वो आज 201 पर है। सेक्टर 116 में बुधवार को यह आंकड़ा 318 पहुंच गया था, वो आज 137 पर है।
गाजियाबाद में भी एक्यूआई में सुधार हुआ है। बुधवार को यहां एक्यूआई 319 तक पहुंच गया था, गुरुवार को 249 दिखा रहा है। गाजियाबाद के कई इलाकों बुधवार को एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया था। इंदिरापुरम में 302 था, आज 291 है। संजय नगर में 308 की जगह गुरुवार को 108 है। वसुंधरा में बुधवार को 320 की जगह आज 289 है। सबसे ज्यादा लोनी में बुधवार को एक्यूआई का आंकड़ा 347 पहुंच गया था, वो गुरुवार को 307 दिखा रहा है।
नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। जगह-जगह जुर्माना लगाने की कार्रवाई के साथ-साथ ग्रेप 2 लागू होने के बाद डीजी सेट और कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है। नोएडा में प्राधिकरण के अधिकारी जगह-जगह पर एसटीपी प्लांट और वेस्ट मैनेजमेंट न करने वाली कंपनियां रेस्टोरेंट और औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई करते नजर आ रहे हैं। दिल्ली में भी दिल्ली सरकार के मंत्री 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' जैसे अभियान को शुरू कर चुके हैं और उसके साथ-साथ विंटर एक्शन प्लान भी लागू कर दिया गया है।
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