संसद में Manipur पर गतिरोध बरकरार, PM मोदी ने की अमित शाह और JP नड्डा के साथ बैठक
मणिपुर के मसले पर संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है। सोमवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच संसद के अंदर और बाहर जमकर घमासान हुआ। प्रधानमंत्री के बयान पर अड़े विपक्षी तेवर को देखते हुए सोमवार को सरकार में शीर्ष स्तर पर एक के बाद एक कई बैठकें हुई, जिसमें संसद के कामकाज को सुचारू ढंग से चलाने के तौर-तरीकों पर चर्चा हुई।
![]() PM मोदी ने की अमित शाह और JP नड्डा के साथ बैठक |
सोमवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सत्र की रणनीति को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर सहित अन्य कई वरिष्ठ मंत्रियों के साथ चर्चा की। बैठक के बाद सरकार की तरफ से सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला।
सिंह ने सदन के अंदर मणिपुर पर चर्चा नहीं होने देने के लिए विपक्ष की आलोचना की तो वहीं सदन के बाहर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय और डीएमके नेता टीआर बालू सहित अन्य कई विपक्षी नेताओं से बात कर सदन को सुचारू ढंग से चलने देने का आग्रह किया। लेकिन, राजनाथ की तमाम कोशिशों के बावजूद गतिरोध बरकरार रहा और विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान पर अड़ा रहा।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की अलग से बैठक हुई। फिर दोनों नेताओं ने संसद भवन में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सारी स्थितियों से अवगत कराया। तीनों नेताओं के बीच काफी देर तक विचार-विमर्श हुआ।
सोमवार को दोपहर बाद 2:30 बजे लोक सभा की कार्यवाही चौथी बार शुरू होते ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में मोर्चा संभालते हुए खड़े होकर कहा कि वे मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। वह विपक्ष से अनुरोध करते हैं कि इस मुद्दे पर चर्चा होने दें। शाह ने इसे महत्वपूर्ण मामला बताते हुए कहा कि उन्हें पता नहीं है कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा क्यों नहीं चाहता है।
शाह ने विपक्षी दलों से मणिपुर पर सदन में चर्चा होने देने का आग्रह करते हुए कहा कि चर्चा होनी चाहिए और देश को इस संवेदनशील मामले की सच्चाई पता चलनी चाहिए। लेकिन अमित शाह के आग्रह के बावजूद सदन में हंगामा और नारेबाजी जारी रही। विपक्ष अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है। संसद के अंदर अमित शाह और राजनाथ सिंह ने मोर्चा संभाला तो वहीं भाजपा आलाकमान ने संसद के बाहर मोर्चा संभालने के लिए अपने फायर ब्रांड नेत्री केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को आगे किया।
दरअसल, सरकार एक तरफ जहां मानसून सत्र के दौरान निर्धारित किए गए कामकाज को पूरा करना चाहती है तो वहीं मणिपुर को लेकर देश में मचे बवाल की सही तस्वीर सामने लाने के लिए यह भी चाहती है कि संसद के दोनों सदनों में इस पर विस्तार से चर्चा हो। यही वजह है कि सरकार शीर्ष स्तर पर यह प्रयास कर रही है कि मंगलवार से संसद चले और अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर सरकार विधायी कार्यों पर अपने एजेंडे के साथ आगे बढ़ेगी।
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