Excise policy case : सिसोदिया के खिलाफ पूरक आरोप पत्र पर 10 मई को संज्ञान लेने पर विचार करेगी अदालत
विवादित दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र पर अदालत अब 10 मई को संज्ञान लेने पर विचार करेगी।
![]() दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया |
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल से कहा कि सिसोदिया इस मामले में 29वें आरोपी हैं और इस मामले में दाखिल आरोप पत्र चौथा है। अबतक जांच में 622 करोड़ रुपए अपराध की आय का पता चला है। न्यायाधीश ने इसके बाद ईडी से साफ्ट कॉपी 8 मई को जमा करने का निर्देश दिया।
ईडी ने सिसोदिया के खिलाफ 4 मई का लगभग 271 पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था और उसके साथ लगभग 21 सौ पन्नों के दस्तावेज संलग्न किए थे। वर्तमान में सिसोदिया धन शोधन के मामले के साथ-साथ भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
उन्होंने हाईकोर्ट से पत्नी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अंतरिम जमानत मांगी थी, जिसपर अब 11 मई को सुनवाई होनी है। उसी दिन उनकी भ्रष्टाचार मामले में दाखिल जमानत याचिका पर भी सुनवाई होनी है।
सिसोदिया को सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले में 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, जबकि धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 9 मार्च को गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने 31 मार्च को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था।
उसी आदेश को सिसोदिया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है जिस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी है। धन शोधन के मामले में भी निचली अदालत ने उन्हें 28 अप्रैल को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया था। इस मामले में सिसोदिया ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल नहीं की है।
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