लोगों में दरार पैदा करने के प्रयास किए जा रहे : मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी न किसी बहाने से देश में लोगों के बीच दरार पैदा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस तरह की कोशिश सफल नहीं होगी।
![]() दिल्ली छावनी में एनसीसी की रैली के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। |
यह बात उन्होंने दिल्ली छावनी के करियप्पा मैदान में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने 75 रुपए मूल्य का एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व एनसीसी के डीजी जनरल गुलबीर पाल सिंह समेत अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। एनसीसी इस वर्ष अपने स्थापना दिवस का 75वां वर्ष मना रहा है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एकता का मंत्र भारत के श्रेष्ठता हासिल करने का एकमात्र तरीका है। भांति, भांति की बातें निकालकर मां भारती की संतानों के बीच में, दूध में दरार पैदा करने करने का प्रयास रहा है। इस तरह की कोशिशों के बावजूद भारत के लोगों के बीच कभी दरार उत्पन्न नहीं होगी। मोदी ने कहा, मां के दूध में कभी दरार नहीं हो सकती। एकता का मंत्र ही परम प्रतिकार है और भारत के श्रेष्ठता हासिल करने का यही एकमात्र तरीका है।
इस मौके पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ विषयक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें वसुधैव कुटुम्बकम की सच्ची भारतीय भावना के तहत 19 देशों के 196 अधिकारियों और कैडेट्स को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। मोदी ने कहा, भारत के युवाओं के लिए यह नए अवसरों का समय है। हर कोई भारत की बात कर रहा है और कह रहा है कि भारत का समय आ गया है।
भारत हर बड़े मंच पर डंके की चोट पर कहता है अपनी बात : उधर भीलवाड़ा में गुर्जरों के आराध्य भगवान देवनारायण के जन्मोत्सव कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के हर बड़े मंच पर अपनी बात डंके की चोट पर कहता है। भारत अपनी निर्भरता दूसरों पर कम कर रहा है। ऐसी बात जो देश की एकता के खिलाफ है, उससे दूर रहना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि हम भारत के हजारों वर्ष पुराने अपने इतिहास, संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करते हैं। दुनिया की अनेक सभ्यताएं समय के समाप्त हो गई। परिवर्तनों के साथ खुद को ढाल नहीं पाईं। भारत को भी भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक रूप से तोड़ने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन भारत को कोई ताकत समाप्त नहीं कर पाई।
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