दिल्ली के एलजी ने चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर कानूनी संकट को जन्म दिया : सिसोदिया

Last Updated 24 Jan 2023 03:52:05 PM IST

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना और मुख्य सचिव ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें राज्य के खिलाफ गंभीर अपराध करने के आरोपी कई लोग छूट सकते हैं।


दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)

यह कहते हुए कि मुख्य सचिव ने प्रभारी मंत्री को दरकिनार कर सीधे उपराज्यपाल को फाइलें भेजना शुरू कर दिया है, सिसोदिया ने उन मामलों की सूची मांगी, जिनमें बुधवार शाम 5 बजे तक मंत्री से उनकी मंजूरी नहीं ली गई थी।

उन्होंने कहा, "माननीय एलजी और मुख्य सचिव ने हर मामले में चुनी हुई सरकार को दरकिनार करने के अपने अति-उत्साह में एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें राज्य के खिलाफ गंभीर अपराध करने के आरोपी बहुत से लोग छूट सकते हैं।"

आईपीसी की धारा 196 को रेखांकित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के खिलाफ किए गए अपराध के मामले में कोई भी अदालत राज्य सरकार की मंजूरी/स्वीकृति के बिना ऐसे किसी भी मामले का संज्ञान नहीं लेगी। कई जघन्य अपराध इसी श्रेणी में आते हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले तक प्रक्रिया का पालन किया जा रहा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में मुख्य सचिव ने मंत्री को दरकिनार करते हुए इन सभी फाइलों को सीधे उपराज्यपाल को भेजना शुरू कर दिया।

सिसोदिया ने कहा, "माननीय एलजी ने भी इन सभी मामलों में स्वीकृति प्रदान की, हालांकि वे अनुमोदन प्राधिकारी नहीं हैं। इसलिए, पिछले कुछ महीनों में ऐसे सभी आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष के लिए दी गई मंजूरी अमान्य है। जब आरोपी इस बात को कोर्ट में उठाएंगे तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा।"

डिप्टी सीएम, जो प्रभारी मंत्री हैं, उन्होंने मुख्य सचिव को बुधवार शाम 5 बजे तक ऐसे सभी मामलों की सूची उनके सामने रखने का निर्देश दिया है, जिसमें मंत्री से मंजूरी नहीं ली गई है।

उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और एलजी ने दिल्ली सरकार के लिए एक अजीबोगरीब स्थिति पैदा कर दी है।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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