कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में बिजली सब्सिडी की आड़ में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि इस मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराई जानी चाहिए।
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उन्होंने यह दावा भी किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने बिना किसी ऑडिट के ही निजी बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी के पैसे दिए।
माकन ने यह भी कहा कि अगर सब्सिडी का पैसा सीधा उपभोक्ताओं को दिया जाए, तो उतने ही पैसे में 500 यूनिट तक बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त मिल सकती है, जितना केजरीवाल सरकार सब्सिडी पर खर्च कर रही है।
माकन ने स्लाइड के जरिये प्रस्तुति देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली को छोड़कर देश के किसी दूसरे राज्य में सब्सिडी का पैसा सीधे निजी बिजली वितरण कंपनियों को नहीं दिया जा रहा है। साल 2015 से लेकर अब तक निजी कंपनियों को 14,731 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। सिर्फ 2021-22 में ही 3090 करोड़ रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी गई।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘केजरीवाल सरकार ने कुछ महीने पहले उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत पंजीकरण करवाया। दिल्ली के कुल 58 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से करीब 37 लाख यानी 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने पंजीकरण करवाया।’’
माकन का कहना था, ‘‘दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बार-बार कहते हैं कि उनकी सरकार 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही है। लेकिन स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत सिर्फ 60 प्रतिशत लोगों ने पंजीकरण करवाया। 30 प्रतिशत लोगों ने पंजीकरण क्यों नहीं करवाया?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये 30 प्रतिशत उपभोक्ताओं की सब्सिडी की आड़ में भ्रष्टाचार हो रहा है। यह एक बड़ा घोटाला है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि इस घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।’’
माकन ने दावा किया कि केजरीवाल का बिजली मॉडल ‘फ्रॉड’ है, जिससे न सिर्फ दिल्ली, बल्कि गुजरात के लोगों को भी सचेत होना चाहिए।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले को लेकर सीबीआई के पास जाएगी और जरूरत पड़ी तो कानूनी रास्ता भी अपनाएगी।
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