दिल्ली के आश्रय गृह से 5 उज्बेकिस्तान की महिलाएं लापता

Last Updated 03 Nov 2022 11:24:59 AM IST

भारत में कथित तौर पर तस्करी कर लाने के बाद यौन उत्पीड़न का शिकार हुईं उज्बेकिस्तान की सात महिलाओं में से पांच के यहां एक निजी आश्रय गृह से लापता हो जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को तलब किया है।


दिल्ली के आश्रय गृह से 5 उज्बेकिस्तान की महिलाएं लापता (प्रतिकात्मक चित्र)

दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह एक ’संवेदनशील’ मामला है और वह डीसीडब्ल्यू को अपना जवाब सौंपेंगे। डीसीडब्ल्यू ने पुलिस उपायुक्त, नई दिल्ली, को तलब कर उनसे इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। डीसीडब्ल्यू ने कहा कि सात महिलाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें उज्बेकिस्तान से तस्करी कर लाया गया था और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया गया।
आयोग ने कहा कि महिलाएं किसी तरह तस्करों के चंगुल से बच निकलीं और इस साल 28 अगस्त को चाणक्यपुरी पुलिस थाने में उन्होंने प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने कहा कि यह महिलाएं 18 से 25 साल के आयुवर्ग की हैं और मामले में जांच जारी है।
अतिरिक्त उपायुक्त (नई दिल्ली) हेमंत तिवारी ने कहा, ‘‘हमें डीसीडब्ल्यू से जारी समन प्राप्त हुआ है जिसमें नई दिल्ली जिला पुलिस को जवाब प्रस्तुत करने और चार नवंबर को दोपहर दो बजे आयोग के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना जवाब दाखिल करेंगे और डीसीडब्ल्यू के निर्देशों का पालन करेंगे। चूंकि मामला कुछ महिलाओं की तस्करी से संबंधित है और इसे ‘संवेदनशील’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, इसलिए हम इस समय कोई और जानकारी साझा नहीं कर सकते हैं।’’ आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने निजी आश्रय गृह को भी नोटिस जारी किया है, ‘‘जिससे यह जाना जा सके कि किन परिस्थितियों में यह महिलाएं आश्रय गृह से लापता हुईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दिल्ली पुलिस को समन जारी किया है। मैं चाहती हूं कि वह इन पांच लड़कियों को आयोग के सामने पेश करें, सभी तस्करों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें और लड़कियों के पासपोर्ट बरामद करें। राजधानी में चल रहे ऐसे अंतरराष्ट्रीय सेक्स गिरोह के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’’

अधिकारियों ने कहा कि यह मामला तब सामने आया जब आयोग को सात उज्बेक महिलाओं से एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी और वेश्यावृत्ति गिरोह के बारे में शिकायत मिली। महिलाओं का कहना था कि उनमें से कुछ को नेपाल के रास्ते और कुछ को सीधे पर्यटक और चिकित्सा वीजा पर भारत लाया गया था। महिलाओं का आरोप है कि तस्करों ने उनके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज अपने पास रख लिए थे।    
आयोग ने कहा कि इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि लड़कियों ने 10 लोगों का नाम लिया था और उनमें से सात को गिरफ्तार किया जाना अब भी बाकी है।
आयोग ने दावा किया, ‘‘इन महिलाओं को अपने देश वापस जाने के लिए दस्तावेजों की जरूरत थी, लेकिन दिल्ली पुलिस उनकी व्यवस्था नहीं करा सकी। इतना ही नहीं, महिलाओं को आश्रय गृह भेजा गया जहां वह तबसे रह रही थीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब आयोग को पता चला है कि पांच महिलाएं कुछ दिनों से आश्रय गृह से लापता हैं।’’
आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी, नई दिल्ली को समन जारी कर मामले में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने प्राथमिकी की प्रति के साथ लापता लड़कियों का पता लगाने और उन्हें मुक्त कराने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों का विवरण भी मांगा है। इस बाबत पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि प्राथमिकी में नामित 10 आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

भाषा
नई दिल्ली


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