दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से चीनी 'मांझा' की बिक्री पर प्रतिबंध लागू करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने को कहा है।
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इसके पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पतंगबाजी में इस्तेमाल होने वाले चीनी सिंथेटिक मांझा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।
उच्च न्यायालय ने पतंगों को उड़ाने, उनकी बिक्री, खरीद, भंडारण और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान बृहस्पतिवार को यह टिप्पणी की।
जनहित याचिका में कुछ लोगों ने कहा है कि कांच से मढ़े हुए मांझे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की वजह से कई लोगों और पक्षियों की मौत हो जाती है तथा कई घायल हो जाते हैं।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, “दिल्ली पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए हैं कि चीनी 'मांझा' का इस्तेमाल नहीं किया जाए। एनजीटी के आदेश को लागू करने के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं? इस संबंध में कदम उठाएं और हमें इस बारे में सूचित करें।"
दिल्ली सरकार के वकील संजय लाओ ने अदालत से कहा कि इस संबंध में आदेश हर साल पारित किए जाते हैं। उन्होंने अदालत से मामले की सुनवाई करने का आग्रह किया ताकि वह दिल्ली पुलिस से निर्देश ले सकें।
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, "दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने मामले को कल सूचीबद्ध करने की प्रार्थना की।"
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