अमेरिका ने बढ़ा दी चिंता
अमेरिका से कारोबारी रिश्तों को बेहतर बनाने के प्रयासों के बीच कुछ ऐसा हो गया है जो इस प्रयास में गंभीर अड़ंगा डाल सकता है।
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अमेरिका से एक बुरी खबर आई है जो कुछ भारतीयों की संदेहास्पद हरकतों पर रोशनी डालती है, जिससे रिश्तों में फिर खटास आ सकती है। कथित तौर पर इन लोगों में कुछ व्यावसायिक अधिकारी और कुछ बड़े कॉरपोरेट नेता शामिल हैं। मामला दर्दनाशक दवाओं के नाम पर ऐसे दवा अनुपूरकों (‘फेंटेनाइल प्रीकर्सर’) की तस्करी से जुड़ा है जिसे अमेरिका में अक्षम्य अपराध माना जाता है क्योंकि अमेरिका की युवा पीढ़ी बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल मादक पदार्थ के रूप में करती है।
यह लत अमेरिका में राष्ट्रीय समस्या का रूप ले चुकी है। अमेरिका ने ‘फेंटेनाइल प्रीकर्सर’ की तस्करी में कथित संलिप्तता के चलते कुछ भारतीय व्यावसायिक अधिकारियों और कॉरपोरेट नेताओं के वीजा रद्द कर दिए हैं और उन्हें आगे वीजा देने से इनकार कर दिया गया है। हालांकि उन कारोबारी नेताओं की पहचान उजागर नहीं की गई है जिनके वीजा रद्द कर दिए गए। इस मुद्दे पर नई दिल्ली की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। फेंटेनाइल प्रीकर्सर का आशय उन रसायनों से है जिनसे मादक पदार्थ बनाए जाते हैं। अमेरिकी दूतावास का कहना है कि जिन लोगों के वीजा रद्द किए गए हैं, वे और उनके परिजन हमेशा के लिए अमेरिका यात्रा के लिए अयोग्य करार दिए जा सकते हैं।
अमेरिकी दूतावास के अनुसार, अमेरिका में फेंटेनाइल और इससे संबंधित उत्पादों को रोकना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम इस साझा चुनौती से निपटने में भारत सरकार में अपने समकक्षों के घनिष्ठ सहयोग के लिए आभारी हैं। साथ मिलकर काम करने से ही हमारी दोनों सरकारें इस अंतरराष्ट्रीय खतरे का समाधान कर पाएंगी और दोनों देशों के लोगों को अवैध नशीले पदाथरे से सुरक्षित रख पाएंगी। इसका आशय यह है कि सारा मामला भारत सरकार के संज्ञान में है।
तब तो इस मामले में भारत की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। 2025 की एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में भारत और चीन को मादक पदाथरे, उपकरणों और रसायनों की तस्करी का प्रमुख स्रेत कहा जा चुका है। रिपोर्ट के अनुसार फेंटेनाइल और अन्य सिंथेटिक ओपिओइड अमेरिका में तस्करी की जाने वाली घातक दवाएं हैं, जिनके कारण 2024 में 52,000 से अधिक मौत हो चुकी हैं।
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