एक हजार फर्जी सिम एक्टिवेट करने वाला आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने फर्जी आईडी पर लोगों को सिमकार्ड मुहैया कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मास्टरमाइंड को धर दबोचा।
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आरोपी की पहचान तनवीर हुसैन के रूप में हुई, जो जैतपुर इलाके का रहने वाला है। पुलिस के अनुसार यह गिरोह अब तक एक हजार लोगों को सिमकार्ड मुहैया करा चुका है। पुलिस ने आरोपी से 10 फर्जी सिमकार्ड व दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने बताया कि इस बारे में विजय कुमार ने एक मामले को लेकर शिकायत दी थी, शिकायत में बताया गया था कि उसके पास एक अनजान मोबाइल नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने कहा कि आपका पार्सल आया है, इसके बदले 12 जनवरी को 32800 रुपए, 3 जनवरी को 86 हजार रुपए और इसके बाद 41 हजार 700 रु पये ट्रांसफर करने के लिए कहा है। पीड़ित ने यह रकम रिंकू नाम के एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी।
हालांकि पीड़ित के साथ धोखाधड़ी की गई और इस मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर अनिल शर्मा, एसआई अजय, एएसआई ब्रज लाल, संदीप आदि की टीम ने पाया कि बैंक खाते में मोटी रकम डाली गई थी, जिसे एटीएम के जरिए निकाला गया। इस मामले में रैकेट में शामिल एक विदेशी नागरिक सहित चार लोगों को पुलिस पहले ही पकड़ चुकी थी। हालांकि पुलिस की एक टीम ने इस मामले को लेकर तुगलकाबाद एक्सटेंशन की गली नंबर दो में छापेमारी की और धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल मोबाइल नंबर इस गली में ही लक्ष्मीकांत के नाम पर रजिस्ट्रर्ड मिला।
उसने बताया वह तुगलकाबाद एक्सटेंशन में एक मोबाइल शॉप पर गया था, जहां उसने मोबाइल सिम अपडेट कराने के लिए दुकान के मालिक को अपना आधार कार्ड दिया था। जांच में पता चला कि इस मोबाइल के सिम नंबर को जैतपुर निवासी तनवीर हुसैन ने एक्टीवेट किया था। पुलिस ने उसके पते पर दबिश डाली, जहां से पता चला कि तनवरी वहां चार पांच महीने पहले तक किराए पर रहता था। पुलिस ने तनवीर के बारे में जानकारी जुटाई और उसे तुगलकाबाद एक्सटेंशन गली नंबर 14 स्थित एक दुकान से गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि तनवीर हुसैन 2017 में काम की तलाश में दिल्ली आया था।
उसने सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर वोडाफोन के लिए काम किया। बाद में उसने खुद ही दुकान खोल ली और फर्जी आईडी पर मोबाइल नंबर एक्टिवेट करने लगा। उसने पुलिस को बताया वह इस तरह करीब पांच सौ से एक हजार फर्जी सिम दो साल में एक्टीवेट कर चुका है। लक्ष्मीकांत नामक एक ग्राहक उसकी दुकान पर सिम को पोर्ट कराने आया था। इस काम के लिए उसने पीड़ित की तस्वीर और आईडी व फोटो ले ली थी। बाद में उसने इसी पहचान पर एक सिम कार्ड एक्टीवेट कर उसे नाईजीरिया के एक शख्स को दे दिया, जिसका इस्तेमाल ठगी में किया गया। फिलहाल पुलिस इस बारे में छानबीन कर रही है।
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