राज्यसभा के सभापति ने सांसदों से शीतकालीन सत्र को बेहतर तरीके से चलाने का आह्वान किया

Last Updated 29 Nov 2021 07:09:26 PM IST

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन के सदस्यों से नियमों का पालन करने का आग्रह किया, ताकि शीतकालीन सत्र उपयोगी हो सके और सदन में अनियंत्रित दृश्य न देखने पड़ें, जैसा कि मानसून सत्र के दौरान देखा गया था। नायडू ने सदन के सभी वर्गों से एक उत्पादक (बेहतर काम) शीतकालीन सत्र को सक्षम करने के लिए लोकतांत्रिक और संसदीय स्थान सुनिश्चित करने का आग्रह किया।


राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने पिछले मानसून सत्र के दौरान अनियंत्रित घटनाओं पर आत्मनिरीक्षण करने में सभी संबंधितों की विफलता पर खेद व्यक्त किया और इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाने की अपील भी की।

नायडू ने सोमवार को शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में अपने पारंपरिक संबोधन के दौरान यह बात कही।

नायडू ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सदन के कुछ सदस्यों के मौजूद नहीं रहने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार विकास के लिए बातचीत के रास्ते की खातर विधायिकाओं में संवाद और बहस होनी चाहिए।

यह कहते हुए कि पिछले मानसून सत्र के दौरान कुछ सदस्यों के व्यवधान और अनियंत्रित आचरण ने सभी को परेशान किया, नायडू ने सदस्यों से इससे सही सबक लेने का आग्रह किया।

पिछले चार वर्षों में अपने कार्यकाल के दौरान 11 सत्रों के दौरान देखे गए उतार-चढ़ाव का जिक्र करते हुए नायडू ने सदस्यों से सदन में लोकतांत्रिक और संसदीय स्थान बनाने का आग्रह किया, ताकि सभी मुद्दों को उठाया जा सके। उन्होंने कहा, आप में से हर कोई किसी भी मुद्दे को उचित तरीके से उठा सकता है और किसी भी मुद्दे पर अपनी बात स्पष्ट रूप से रख सकता है, अगर हम सदन में हंगामे के बजाय उसके लिए जगह बनाते हैं। सामूहिक इच्छाशक्ति के साथ उस तरह के लोकतांत्रिक और संसदीय स्थान के लिए एक निश्चित संभावना है।

नायडू ने आगे कहा, मैं इस सत्र के दौरान उस भावना के प्रकट होने की आशा करता हूं।

नायडू ने पिछले मानसून सत्र के समापन क्षणों के दौरान घटनाओं के मोड़ का उल्लेख किया और कहा कि सदन की अग्रणी रोशनी और सभी संबंधित लोगों की प्रतिक्रियाएं उनकी उम्मीदों पर नहीं थीं।

नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष पिछले सत्र के अंतिम दो दिनों के दौरान कुछ सदस्यों के आचरण की विस्तृत जांच चाहता था। मैंने विभिन्न दलों के नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की है। उनमें से कुछ ने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके सदस्य ऐसी किसी भी जांच में पक्ष (पार्टी) नहीं होंगे। हालांकि, कुछ नेताओं ने सदन के कामकाज को बाधित करने पर चिंता जतायी और उन घटनाओं की निंदा की।

उन्होंने कहा, मैं उम्मीद कर रहा था और इंतजार कर रहा था कि इस प्रतिष्ठित सदन के प्रमुख लोग, पिछले सत्र के दौरान जो कुछ हुआ था, उस पर आक्रोश जताएंगे। सभी संबंधितों पक्षों द्वारा इस तरह के आश्वासन से मुझे मामले को उचित रूप से निपटने में मदद मिलती। लेकिन दुर्भाग्य से, ऐसा नहीं हो सका।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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