हाईकोर्ट की दिल्ली सरकार को सलाह जांच की संख्या बढ़ाएं एवं संक्रमितों के इलाज पर दें ज्यादा ध्यान
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि कोरोना संक्रमण की घटती संख्या को देखते हुए उसने फिलहाल रात में कर्फ्यूू नहीं लगाने का विचार किया है लेकिन वह इसकी निगरानी कर रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट |
कोर्ट ने गत सुनवाई के दिन सरकार से कहा था कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई राज्यों ने रात का कर्फ्यू लगा दिया है तो क्या दिल्ली सरकार भी इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में संक्रमितों की संख्या कम हो गई है तो इससे शांत होकर बैठने की जरूरत नहीं है, बल्कि और जागरूक रहने की जरूरत है। वह जांच की संख्या बढ़ाने एवं संक्रमितों से निपटने पर ज्यादा ध्यान दें। पीठ ने सरकार से कोरोना से संबंधित उठाए गए कदमों की अगली जानकारी देने को कहते हुए सुनवाई 14 दिसम्बर के लिए स्थगित कर दी।
पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपका सबसे जोर ज्यादा टेस्ट करने पर होना चाहिए और इसके साथ ही आपको संक्रमितों का पता लगाना भी सुनिश्चित करना होगा। उसने सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी व सत्यकाम से कहा कि वर्तमान में हर कोई असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संक्रमण के कारण नहीं है, बल्कि इस वजह से है कि आपको पता ही नहीं है कि संक्रमण फैलाने वाला कौन है। दोनों ही तथ्य लोगों के दिमाग को परेशान कर रहे हैं। पीठ ने कहा कि किसी को नहीं पता कि वे क्या करें और हर व्यक्ति को सामान्य संक्रमण नहीं है, जिसके कारण लोगों में बेचैनी का माहौल है। इसी वजह से सिर्फ जांच, जांच और जांच के साथ ट्रेसिंग, ट्रेसिंग और ट्रेसिंग सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। पीठ ने कहा कि जिसका कोरोना का संक्रमण ज्यादा नहीं है उसे होम आइसोलेशन में भेजने का विचार करें।
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि कोरोना जांच की रिपोर्ट कितने समय में आ रही है। सरकार के अधिवक्ता ने जवाब दिया कि वैसे समय 24 घंटे का है।
कोर्ट ने कहा कि उनके कई कर्मचारियों को 48 घंटे के बाद रिपोर्ट मिल रही है। सरकार उस पर ध्यान दें और रिपोर्ट को 24 घंटे में मुहैया कराने की कोशिश करें। वह उसे संबंधित व्यक्ति के मोबाइल पर भी भेजें जिससे वह वास्तविकता जान सके। वह अपनी रिपोर्ट वेबसाइट पर भी डाल दें।
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