दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में आपात स्थिति में पहुंची वायु गुणवत्ता
पटाखे जलाने और बेचने पर प्रतिबंध कारगर नहीं हो पाया। दिवाली पर कई इलाकों में पटाखे जलाने के कारण राजधानी में वायु प्रदूषण आपात स्थिति में पहुंच गया।
![]() प्रदूषण : चार साल का टूटा रिकार्ड |
हालांकि पिछले तीन दिनों से वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में चल रही थी। रविवार को हवा की गति 12 किमी तक रही और शाम को बारिश भी हुई। ऐसे में प्रदूषण कुछ हद तक छंटा जरूर लेकिन गंभीर श्रेणी में फिर भी बना रहा। एनसीआर के शहरों में भी कमोबेश यही हालत रही। सोमवार को प्रदूषण का स्तर और कम हो जाने के आसार हैं।
दिल्ली के बहुत से इलाकों में एयर इंडेक्स 500 और पीएम 2.5 का स्तर 1000 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंचने से हेल्थ इमरजेंसी वाले हालात बन गए। रविवार सुबह राजधानी में आसमान पर स्मॉग की मोटी परत दिखी। दिन चढ़ने के साथ इसमें सुधार होता गया।
इससे दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ और रविवार सुबह साढ़े पांच बजे यह 400 मीटर तक दर्ज हुआ। सामान्य तौर पर दृश्यता का स्तर तीन हजार मीटर होना चाहिए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार शनिवार को दिवाली वाले दिन दिल्ली का एयर इंडेक्स 414 दर्ज हुआ था जबकि रविवार को 435 रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले दिवाली की रात को एक्यूआई 465 तक पहुंच गया था।
पराली के धुएं से बिगड़े हालात
पटाखों के धुएं में पराली का धुआं मिलने से दिवाली कर रात दिल्ली की हवा और भी दमघोंटू हो गई थी। सफर के मुताबिक शनिवार को पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की 2586 घटनाएं रिकॉर्ड की गई। दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी 32 फीसद तक रही। इसके विपरीत रविवार को यह महज चार फीसद और घटनाएं 350 दर्ज हुई।
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