दिल्ली-एनसीआर में पसरी धुंध, वायु गुणवत्ता रेड जोन में

Last Updated 16 Oct 2020 12:47:42 AM IST

दिल्ली-एनसीआर में बृहस्पतिवार को धुंध की परत छाने के साथ ही पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता रेड जोन में पहुंच गई।


बृहस्पतिवार को राजपथ पर छायी धुंध। फोटो : प्रेट्र

सुबह एवं शाम के समय लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी है। हालांकि क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) के तहत क्षेत्र में बिजली जनरेटर पर प्रतिबंध सहित कई सख्त वायु प्रदूषण-रोधी उपायों को भी लागू किया गया है।
नासा के कृत्रिम उपग्रह द्वारा ली गई तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर, पटियाला, तरनतारन और फिरोजपुर तथा हरियाणा के अंबाला और राजपुरा में बड़े पैमाने पर खेतों में पराली जलाए जाने का पता चला है।  हालांकि, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ‘वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी पण्राली‘ ने कहा कि राजधानी की वायु गुणवत्ता पर इसका प्रभाव फिलहाल कम है।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि पराली जलाना दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण नहीं है। जावड़ेकर ने कहा कि केवल चार प्रतिशत प्रदूषण पराली जलाने के कारण है। इसके अलावा, 96 प्रतिशत प्रदूषण स्थानीय कारणों से है, जिसमें बायोमास जलाने, कचरा निस्तारण, कच्ची सड़कों, धूल, निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी गतिविधियां शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के मौसम में सर्वाधिक प्रदूषित स्थलों पर नजर रखने के लिए बृहस्पतिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमें तैनात कीं और पंजाब सरकार से पराली जलाने पर रोक लगाने की अपील की।     

महानगर में सुबह 11:10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 दर्ज किया। इस साल इससे पहले हवा की गुणवत्ता का इतना खराब स्तर फरवरी में था। 24 घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार को 276 था, जो ‘खराब‘ श्रेणी में आता है। यह मंगलवार को 300, सोमवार को 261, रविवार को 216 और शनिवार को 221 था।
सफर के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली का असर छह फीसद तक रहा। हवा फिलहाल उत्तर पश्चिम दिशा से आ रही है। इस हवा में नमी और ठंडक रहती है। ऐसो में अगर हवा की गति भी कम हो तो तो प्रदूषक तत्व उड़ नहीं पाते। सफर का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों के बीच प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही रहने की संभावना है। सफर ने एडवाइजरी जारी करते हुए दिल्ली एनसीआर वासियों को सुबह-शाम घर में ही रहने की सलाह दी है। अस्थमा या दमा रोगी हर समय अपने पास दवा रखें। पार्क के बजाए घर पर ही व्यायाम करें।
दिल्ली-एनसीआर में पीएम10 का स्तर सुबह 9:30 बजे 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक बढ गया। यह इस मौसम का अब तक का उच्चतम स्तर है। भारत में पीएम10 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से नीचे सुरक्षित माना जाता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जीआरएपी बृहस्पतिवार से लागू हो गया।  मौसम विभाग का कहना है कि सुबह के समय स्मॉग भी रहेगा। दो तीन दिन बाद हवा की दिशा बदल सकती है और इसकी रफ्तार भी बढ़कर 15 से 20 कि. मी. प्रति घंटा हो सकती है जिससे प्रदूषण स्तर थोड़ा कम हो सकता है।

 

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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