दिल्ली दंगे: अदालत ने शर्जील इमाम को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

Last Updated 03 Sep 2020 08:13:00 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तरी पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में जेएनयू के छात्र शर्जील इमाम को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया।


सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में जेएनयू के छात्र शर्जील इमाम

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शर्जील इमाम को आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।      
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने इमाम को संशोधित नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हुए दंगों के सिलसिले में 25 अगस्त को गिरफ्तार किया था।         

उनके वकील अहमद इब्राहिम ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किए जाने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।         

इससे पहले अदालत ने उन्हें तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।          

इस मामले में पिंजरा तोड़ सदस्य और जेएनयू छात्र देवांगना कालिता और नताशा नरवाल, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों आसिफ इकबाल तन्हा और गुलफिशा खातून, पूर्व कांग्रेस पाषर्द इशरत जहां, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी सदस्यों सफूरा जरगर, मीरान हैदर, निलंबित आप पाषर्द ताहिर हुसैन, पूर्व छात्र नेता उमर खालिद आदि के खिलाफ भी आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं।      

उमर खालिद को अभी तक मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है।      

पुलिस ने प्राथमिकी में दावा किया था कि उमर और उनके सहयोगियों ने लोगों को क्षेत्र में दंगे शुरू करने के लिए उकसाया था और यह ’पूर्व-निर्धारित साजिश’ थी।        
इमाम को पिछले साल दिसंबर में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध से संबंधित मामले में 28 जनवरी को भी गिरफ्तार किया गया था।       

भाषा
नयी दिल्ली


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