आखिर क्‍या होती है ‘हर्ड इम्युनिटी’, क्या दिल्लीवासियों में विकसित हो गई है, जानें

Last Updated 24 Jul 2020 09:50:43 AM IST

‘हर्ड इम्युनिटी’ होने का मतलब है कि एक बड़े हिस्से या कुल जनसंख्या के 75 फीसद लोगों में यह प्रतिरक्षक क्षमता विकसित हो जाती है तो हर्ड इम्युनिटी माना जाता है। ऐसे लोग बीमारी के लिए इम्‍यून हो जाते हैं।


(फाइल फोटो)

राजधानी में हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है या नहीं इसे साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता। लेकिन जिस तरह सर्वे में 40 लाख लोगों को कोरोना होने और खुद ठीक होने की बात कही जा रही है उससे यही लगता है।

इस पर भी सवाल उठता है कि हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए आखिर कितनी फीसद आबादी में संक्रमण या रोग प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए।

न्यूयॉर्क की तरह जल्दी आया दिल्ली का पीकः सबसे पहली बात आखिर कोरोना का पीक किसे कह सकते हैं। इसे कोरोना संक्रमितों के आ रहे नए केसों से ही जाना जा सकता है। जानकार मानते हैं कि जब लगातार 14 दिनों तक केस गिरते रहें तो मान लीजिए पीक आकर जा चुका है।

अब न्यूयॉर्क की बात करें तो वहां अप्रैल तक तेजी से केस बढ़े‚ मतलब पूरे अमेरिका में सबसे ज्यादा खराब हालत ही वहीं की थी। फिर मई में गिरावट शुरू हुई जो जारी है। दिल्ली की ताजा स्थिति को देखकर एम्स के ड़ॉ. संजय राय कहते हैं कि लगता है दिल्ली का पीक पिछले हफ्ते आकर जा चुका है क्योंकि केसों की संख्या में अब गिरावट है।

ज्यादा क्यों नहीं फैल पाया कोरोनाः पीक के चले जाने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि कोरोना खत्म हो गया है। लेकिन इसके बाद नए केसों की संख्या में गिरावट आ जाती है। ऐसे में जब लगे की पीक गुजर चुका है तो सरकार रु की हुई अर्थव्यवस्था को खोलने पर फिर विचार कर सकती है।

अब सवाल उठाता है कि कोरोना उतना फैला क्यों नहीं। इसकी वजह लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस के नियम हो सकते हैं। या फिर यह भी हो सकता है कि इतनी बड़ी जनसंख्या को कोरोना होने के बाद हर्ड इम्युनिटी विकसित हो भी गई हो‚ जिससे वायरस कम घातक होता गया।

हर्ड इम्युनिटीः हर्ड इम्युनिटी एक प्रक्रिया है। इसमें लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। वह चाहे वायरस के संपर्क में आने से हो या फिर वैक्सीन से। अगर कुल जनसंख्या के 75 फीसद लोगों में यह प्रतिरक्षक क्षमता विकसित हो जाती है तो हर्ड इम्युनिटी माना जाता है। फिर चार में से तीन लोग को संक्रमित शख्स से मिलेंगे उन्हें न ये बीमारी लगेगी और न वे इसे फैलाएंगे।

एक्सपर्ट मानते हैं कोविड–19 के केस में हर्ड इम्युनिटी विकसित होने के लिए 60 फीसद में रोग प्रतिरोधक क्षमता होनी चाहिए।

कितने फीसद पर हर्ड इम्युनिटी साफ नहीं: कितने फीसद पर हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है उसकी जानकारी अभी साफ नहीं है। अभी जबतक कोरोना की दवा नहीं बनती तब तक वैक्सीन से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होगी। इसलिए यह संक्रमण से ही हो सकती है‚ लेकिन कितने फीसद पर‚ यह साफ नहीं है।

बता दें कि फरवरी माह में हावर्ड यूनिवÌसटी के प्रोफेसर मार्क लिपस्टिच ने कहा था कि 40 से 70 फीसद आबादी के संक्रमित होने पर हर्ड इम्युनिटी विकसित हो सकती है। गणितज्ञ गैबरीला गोम्स का कहना है कि सिर्फ 20 फीसद जनसंख्या से काम चल जाएगा।

सहारा न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली


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