हमने जारी नहीं किया लाइब्रेरी का वीडियो : जामिया विवि

Last Updated 17 Feb 2020 06:45:14 AM IST

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने रविवार को स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा ऐसा कोई नया वीडिया उसने जारी नहीं किया है, जिसमें अर्धसैनिक बल व पुलिस वर्दी में कुछ लोग 15 दिसंबर को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में चेहरा ढक कर बैठे छात्रों को पीटते हुए नजर आ रहे हैं।


जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय मामला

48 सेकेंड के इस वीडियो में कथित तौर पर अर्धसैनिक बल व पुलिस की वर्दी पहने सात-आठ वर्दीधारी विश्वविद्यालय के ओल्ड रीडिंग हॉल में प्रवेश कर छात्रों पर लाठीचार्ज कर रहे हैं।
 विश्वविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी अहमद अजीम ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि जामिया के डॉ. जाकिर हुसैन पुस्तकालय में पुलिस बर्बरता को लेकर कोई वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस वीडियो को विश्वविद्यालय ने जारी नहीं किया है। यह वीडियो जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) ने जारी किया है। जेसीसी जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वर्तमान और पूर्व छात्रों का संगठन है। 15 दिसंबर को कथित रूप से पुलिस बर्बरता के बाद इसका गठन किया गया था।

विश्वविद्यालय 15 जनवरी को उस वक्त युद्धक्षेत्र में तब्दील हो गया था, जब पुलिस उन बाहरी लोगों की तलाश में विश्वविद्यालय परिसर में घुसी, जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान इस शैक्षणिक संस्थान से कुछ ही दूरी पर हिंसा व आगजनी की थी। जनसंपर्क अधिकारी के अनुसार जेसीसी विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर मौलाना मोहम्मद अली जौहर रोड पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के  खिलाफ आंदोलन चला रहा है। अजीम ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि जेसीसी विश्वविद्यालय का कोई आधिकारिक निकाय नहीं है। जेसीसी के साथ किसी भी संवाद को विश्वविद्यालय के साथ संवाद न समझा जाए। उन्होंने कहा कि कई ट्विटर एकाउंट, फेसबुक पेज और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के उपयोगकर्ता जामिया मिल्लिया इस्लामिया के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर आधिकारिक ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि हमने ट्विटर से हमारे आधिकारिक हैंडल का सत्यापन करने का अनुरोध भी किया है और हम अन्य सोशल मीडिया मंचो से भी ऐसा ही करने को कहेंगे।

एक और नया वीडियो वायरल 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को पुलिस व अर्ध सैनिक बलों द्वारा छात्रों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद अब एक नया वीडियो सामने आया है। नए वीडियो में कुछ छात्र लाइब्रेरी में घुसते हुए दिखाई दे रहे हैं और उनके हाथ में पत्थर भी हैं। इस वीडियो को पुलिस के लाठीचार्ज से ठीक पहले हुए उपद्रव का वीडियो बताया जा रहा है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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