महिला से यौन उत्पीड़न का मामला : महिला को 1.20 लाख रुपए मुआवजा दे कंपनी : हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने एक निजी कंपनी को निर्देश दिया कि वह अपनी महिला कर्मचारी को फिलहाल 1.20 लाख रुपए का मुआवजा दे। महिला कर्मचारी ने कंपनी के ही एक अन्य कर्मचारी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, लेकिन कंपनी ने जांच कराने की बजाए महिला को ही नौकरी से निकाल दिया है।
![]() महिला से यौन उत्पीड़न का मामला |
निर्धारित मानदंड के तहत जांच कमेटी नहीं बनाने पर महिला ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग वाली एक याचिका दाखिल कर अदालत से एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिलाने का भी आग्रह किया।
न्यायमूर्ति प्रतिबा मनिंदर सिंह ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि कंपनी महिला कर्मचारी को फिलहाल मुआवजा दे और यह अंतिम आदेश के फलफलाफल माना जाएगा। अपनी याचिका में महिला ने कहा कि उसकी शिकायत पर कंपनी को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कमेटी बनाकर जांच करानी चाहिए थी, लेकिन यह करने की बजाए उसे ही नौकरी से निकाल दिया गया। कंपनी का यह रवैया भेदभावपूर्ण व गैरकानूनी है।
इससे उसके मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। नौकरी से निकाले जाने के कारण उसे काफी मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना का शिकार होना पड़ा है। महिला ने इससे पहले दिल्ली महिला आयोग से शिकायत की थी।
आयोग ने उसकी शिकायत पर कंपनी व आरोपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। दोनों ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो महिला ने अपने अधिवक्ता अदीबा मुजाहिद व अभिषेक कौशिक के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
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