Monsoon Sesssion: संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- व्यवधान पैदा नहीं करें पार्टियां

Last Updated 03 Jul 2025 04:10:55 PM IST

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले गुरूवार को कहा कि राजनीतिक दलों को सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालना चाहिए और जो पार्टियां गतिरोध पैदा करने का प्रयास करेंगी, उन्हें जनता जवाब देगी।


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान लोकसभा (18वीं लोकसभा) में व्यवधान पहले के मुकाबले कम हुआ है और यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि राजनीतिक दलों ने विचार किया कि सदन चलना चाहिए।

बिरला ने हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर में आयोजित शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के मौके पर यह भी कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं की तरह स्थानीय निकायों के सदनों को सुचारू रूप से चलाने की आदर्श पद्धति स्थापित होनी चाहिए तथा वहां भी प्रश्नकाल तथा शून्यकाल जैसे सत्र की व्यवस्था होनी चाहिए।

बिरला ने कहा, "यह बदलाव का समय है। अगर हमें लोकतंत्र को मजबूत करना है और लोकतांत्रिक संस्थानों को जवाबदेह बनाना है, तो हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सदन उचित तरीके से काम करें।"

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को सदन की कार्यवाही में व्यवधान कम करने के प्रयास करने चाहिए।

संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई को शुरू होने वाला है और 21 अगस्त तक चलेगा।

बिरला ने कहा कि वह 2014 से लोकसभा की कार्यवाही देख रहे हैं जब वह पहली बार सदन के सदस्य चुने गए थे।

बिरला ने कहा, "सदस्य सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए तख्तियां लेकर आते थे। 17वीं लोकसभा (2019-2024) में भी कुछ अलग स्थिति नहीं थी। लेकिन 18वीं लोकसभा में बदलाव दिखाई दे रहा है।"

उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों और सदस्यों ने विचार शुरू किया कि सदन को चलने दिया जाना चाहिए ताकि लोगों के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाया जा सके।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, "सभी राजनीतिक दलों ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि सदन सुचारू रूप से चले।"

शहरी निकायों के अध्यक्षों के प्रथम सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण उपस्थित थे।

इस सम्मेलन का विषय “संवैधानिक लोकतंत्र को सुदृढ़ करने और राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका” है। चार जुलाई को समापन सत्र में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शिरकत करेंगे।

बिरला ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा और विधानसभा में सदन चलते है और कानून बनाने पर चर्चा होती है उसी तरह, स्थानीय निकायों में सदन चलने की आदर्श पद्धति स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।

बिरला ने इस बात पर जोर दिया, "यह प्रयास हो कि स्थानीय निकायों के सदनों की बैठक दिन भर चले, प्रश्नकाल हो, शून्यकाल हो... बजट बने तो पूरी चर्चा हो।" उन्होंने कहा कि नगरीय सरकार लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है क्योंकि इसके साथ आम जनता का सबसे अधिक संवाद होता है।

उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं के बारे में जानकारी हो, इसके लिए स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को संवाद करते रहने चाहिए और सोशल मीडिया का उपयोग करके भी जुड़ाव मजबूत हो सकता है।

बिरला ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी निकाय के सभापतियों का यह सम्मेलन लोकतंत्र को मजबूत करने का मंच है और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में नगरीय निकायों की भूमिका सबसे अहम है।

लोकसभा अध्यक्ष ने आह्वान किया कि विकसित भारत के निर्माण में शहरी निकायों को नई जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा, "2047 तक भारत को विकसित बनाने के सपनों को पूरा करने में नगरपालिकाओं की भागीदारी जरूरी है।’’

उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी, लेकिन शहरी स्थानीय निकायों में भी महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करना होगा।

बिरला ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता का आह्वान किया था और उसके बाद यह मुद्दा एक जनांदोलन बना, उसी तरह हर शहरी मुद्दे को जनआंदोलन में बदलना होगा।
 

भाषा
गुरुग्राम


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