इराक में अमेरिकी एयरबेस पर ईरान का हमला, इजरायल ने किया हाई एलर्ट
ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी और गठबंधन सेना ठिकानों पर कई मिसाइलों से हमला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इन हमलों की पुष्टि की है। ईरान के हमले मद्देनजर इजरायल ने अपनी वायु सेना को हाई एलर्ट कर दिया है।
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स्थानीय मीडिया ने बुधवार को बताया कि इस समय इजरायल की वायु सेना के विमान लेबनान क्षेत्र में उड़ान पर है।
पेंटागन ने एक बयान में कहा, ‘‘मंगलवार को 1730 बजे ईरान ने अमेरिकी सेना और गठबंधन सेना के खिलाफ कई बैलिस्टिक मिसाइलों से हमले किये।’’
बयान के अनुसार, ‘‘यह स्पष्ट है कि ईरान ने इराक के अल-असद और इरबिल में अमेरिकी सैन्य और गठबंधन सेना के कम से कम दो सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।’’ पेंटागन ने कहा कि वह क्षेत्र मे तैनात अपने जवानों, सहयोगियों और गठबंधन सेना की सुरक्षा के लिये सभी जरुरी कदम उठायेगा।
इससे पहले ईरान की मीडिया ने रिपोर्ट दी थी कि ईरान ने अमेरिका और उसके सहयोगियों को चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ईरान पर हमले के लिये उनके क्षेत्रों एवं सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल करेगा तो उन पर हमला किया जायेगा।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किए हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इसके साथ ही अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है।
जरीफ ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान ने आत्मरक्षा के तौर पर यह कदम उठाया और उसके साथ ही सुलेमानी की मौत का बदला पूरा हो गया।’’ उन्होंने बताया कि इस हमले में उस अड्डे को निशाना बनाया गया जहा से नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कायरतापूर्ण सैन्य हमला (अमेरिका द्वारा) किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम तनाव बढाना या युद्ध नहीं चाहते लेकिन किसी भी आक्रामकता से खुद की रक्षा करेंगे।’’
इससे पहले व्हाइट हाऊस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इराक की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुये हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ परामर्श कर रहे हैं।
गत शुक्रवार को अमेरिका के ड्रोन रॉकेट हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर कमांड के प्रमुख जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से ही पूरे खाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त है। ईरान की ओर से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले सुलेमानी की मौत के प्रतिशोध का नतीजा बताया जा रहा है।
इराक में अमेरिका के पांच हजार सैनिक तैनात हैं जिन्हें निशाना बनाकर ईरान ने यह हमला किया है। इसके अलावा पश्चिम एशिया के अन्य देशों पर भी हमले की आशंका बनी हुई है क्योंकि वहां भी बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। इसबीच पश्चिम एशिया से विदेशी लोगों के पलायन की आशंका भी बढ़ गई है।
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