जेएनयू में साक्ष्य जुटाने फोरेंसिक टीम का दौरा
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं पर नकाबपोश लोगों के हमले और तोड़फोड़ की जांच के लिए फोरेंसिक टीम ने मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया और वहां प्रशासनिक अधिकारियों से पूछताछ कर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया।
जेएनयू में साक्ष्य जुटाने फोरेंसिक टीम का दौरा |
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रविवार शाम विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा से संबंधित सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पा रही है क्योंकि तीन जनवरी को रजिस्ट्रेशन के दौरान कुछ छात्रों ने तोड़फोड़ की थी जिससे सर्वर क्षतिग्रस्त हो गया है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया खासकर वाट्सअप पर चल रहे संदेशों की भी जांच की जा रही है लेकिन इस पर मिले मोबाइल नंबर बंद आ रहे हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा और स्थानीय पुलिस की टीम ने सोमवार को वहां जाकर साक्ष्य जुटाये हैं।
इस बीच माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के नेतृत्व में जेएनयू के पूर्व छात्रों ने ओल्ड कैम्पस से जेएनयू के पूर्वी गेट तक मार्च किया और गेट के बाहर प्रदर्शन करने के बाद छात्रों को संबोधित किया। गेट पर भारी संख्या में पुलिस तैनात थी और बैरिकेड लगे हुए थे। पुलिस ने किसी को भी अन्दर जाने नहीं दिया जिसके कारण श्री येचुरी एवं अन्य नेता वहीं बाहर ही लोगों को संबोधित करने लगे।
नकाबपोश लोगों के हमले में बुरी तरह घायल जेएनयू की भूगोल की जानी मानी प्रोफेसर सुचित्रा सेन ने वसंतकुंज थाने में अपने वकील के माध्यम से शिकायत दर्ज करायी है लेकिन फिलहाल इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।
जेएनयू के छात्रों के आंदोलन के समर्थन वकीलों ने एकजुटता व्यक्त की और उन्होंने उच्चतम न्यायालय के परिसर में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, संजय पारिख और प्रशांत भूषण के नेतृत्व में वकीलों का एक समूह ने शीर्ष अदालत परिसर में एकत्र होकर संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा छात्रों के आंदोलन का समर्थन किये जाने की खबरें लगातार मिल रही है। दक्षिण एशिया विविद्यालय, कोलकाता विश्वविद्यालय, जादवपुर विविद्यालय, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षकों के अलावा कई विविद्यालय के कुलपतियों ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा की तथा छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की है।
गौरतलब है कि रविवार शाम को नकाबपोश लोगों के हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत 34 छात्र छात्राएं घायल हो गये थे। इस मामले में पुलिस ने सोमवार को एक प्राथमिकी दर्ज की है लेकिन फिलहाल किसी से पूछताछ अथवा गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार और शनिवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद दो मामले दर्ज किये थे जिनमें सुश्री घोष समेत 22 छात्र नेताओं के नाम शामिल है।
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