वकील पुलिस प्रकरण पर सख्त सरकार, दोषियों को नहीं बख्शा जायेगा
केंद्र सरकार ने कहा है कि तीस हजारी अदालत परिसर में हुई हिंसा की घटना में कानून तोड़ने वाले पुलिसकर्मियों और वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
![]() दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल |
सरकार के सूत्रों ने आज कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में वकीलों और दिल्ली पुलिस के प्रदर्शन पर नजर बनाये हुए है और इस मामले में गलती करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा।
सूत्रो ने कहा कि सरकार की दिल्ली पुलिस के प्रति सहानुभूति है लेकिन वह किसी भी हालत में इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगी कि वर्दीधारियों का प्रदर्शन भीड़ की मानसिकता अपनाये क्योंकि वही कानून को लागू करने वाले हैं इसलिए उन्हें कानून का पालन करना चाहिए।
सरकार ने उम्मीद जतायी है कि इस घटना में शामिल दोनों पक्ष संयम से काम लेंगे और जल्द ही उनका गुस्सा शांत हो जायेगा।
इस बीच दिल्ली पुलिस ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंप दी है। केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा है कि मंत्रालय इस मामले पर नजर रख रहा है और इसकी न्यायिक जांच जारी है। जांच पूरी होने का इंतजार करना उचित है। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से घटना की विस्तार से रिपोर्ट देने को कहा था।
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि पुलिस और वकील दोनों ही आपराधिक न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उन्हें पूरे सदभाव के साथ काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल करना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पूरे मामले में न्याय हो।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के संघ ने भी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हिंसा की आलोचना करते हुए उम्मीद जतायी है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जायेगी।
गौरतलब है कि दो नवंबर को पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी अदालत परिसर में हुई हिंसक झड़पों के बाद सोमवार को विभिन्न अदालतों के बाहर वकीलों ने प्रदर्शन किया और इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट के मामले सामने आये थे। वकीलों के रवैये के खिलाफ मंगलवार सुबह से आंदोलन कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ उनके परिवार के लोग भी शामिल हो गये। पुलिसकर्मियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया वहीं उनके परिजनों ने इंडिया गेट के निकट प्रदर्शन किया। पुलिस के आला अधिकारी प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन समाप्त करने की लगातार अपील कर रहे हैं।
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