खाकी वालों ने कहा, 'वी वॉन्ट जस्टिस'
दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मियों ने तीस हजारी अदालत में मंगलवार को वकीलों द्वारा उनके सहयोगियों पर हुए हमले के खिलाफ एक अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस कर्मी 'हम न्याय चाहते हैं (वी वॉन्ट जस्टिस)' के नारे लगाते हुए नजर आए।
![]() दिल्ली पुलिस के सैकड़ों कर्मियों का विरोध प्रदर्शन |
पुलिस कर्मियों को शांत करने के लिए पहुंचे पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिसकर्मियों ने तख्तियां हाथ में लेकर काफी देर तक नारेबाजी की। इसके बाद पटनायक आखिरकार बाहर निकले और उन्होंने पुलिसकर्मियों को समझाते हुए कहा, "यह हमारे लिए इम्तिहान की घड़ी है।"
उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपनी ड्यूटी पर लौटने और शांति बनाए रखने का आग्रह किया।
पटनायक ने कहा, "हमें एक अनुशासित बल की तरह व्यवहार करना होगा। सरकार और लोग हमसे कानून को बनाए रखने की उम्मीद करते हैं। यह हमारी बड़ी जिम्मेदारी है। मैं आपसे फिर से ड्यूटी पर लौटने की अपील करता हूं।"
मगर उनकी सलाह से कुछ खास फायदा नहीं हुआ और पुलिसकर्मियों ने अपना विरोध जारी रखा।
पुलिस के सीनियर्स और जूनियर के बीच यहां मतभेद देखने को मिला। कई प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने आरोप लगाया कि शीर्ष अधिकारी उनके पक्ष में नहीं खड़े हुए, जबकि वकीलों द्वारा उनके साथियों की पिटाई की गई।
विरोध प्रदर्शन में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया से कहा, "अगर आप किसी पुलिस वाले को वर्दी में पीटते हैं, तो पिटने वाले व्यक्ति को नहीं बल्कि उसकी वर्दी को अपमानित किया जाता है। इससे सिर्फ कानून-व्यवस्था टूटेगी।"
एक पुलिसकर्मी ने अदालत से निष्पक्ष फैसले की मांग की। उन्होंने कहा, "क्या केवल वकील ही हैं, जो चोटिल हुए हैं और जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है? हम चाहते हैं कि अदालत हमारी भी सुनें।"
इस बीच एहतियात के तौर पर पुलिस मुख्यालय के आसपास जैमर लगा दिए गए हैं, ताकि मोबाइल फोन के जरिए गलत सूचनाओं का आदान-प्रदान रोका जा सके।
पुलिस के सूत्रों का कहना है कि मुख्यालय के आसपास जैमर एहतियातन लगाए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की अफवाह व गलत सूचना प्रसारित होने से रोकी जा सकें।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में पार्किं ग को लेकर एक वकील और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच मामूली बहस हो गई, जिससे बाद इसने हिंसा का रूप ले लिया। इस दौरान एक वकील को गोली भी लग गई।
पुलिस ने दावा किया, "एक अतिरिक्त डीसीपी और दो एसएचओ सहित बीस पुलिसकर्मियों को चोटें लगी हैं। आठ अधिवक्ता भी जख्मी हुए हैं। 12 मोटरसाइकिलें, एक पुलिस क्यूआरटी जिप्सी और आठ जेल वैन क्षतिग्रस्त हो गए।"
इस बीच दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी अदालत परिसर में हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है।
दिल्ली पुलिस को सीधे नियंत्रित करने वाले मंत्रालय ने हिंसक झड़पों के ठीक एक दिन बाद दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी।
| Tweet![]() |