तीस हजारी कांड: पुलिसकर्मियों ने PHQ को घेरा, दिल्ली पुलिस आयुक्त बोलें- काम पर लौटें
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से कहा कि उन्हें एक ‘अनुशासित बल’ की तरह व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि वह काम पर लौट जाएं।
![]() |
दिल्ली के सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने साकेत अदालत के बाहर सोमवार को अपने एक साथी पर हुए हमले के विरोध में पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
मंगलवार को पुलिसकर्मियों द्वारा प्रदर्शन करने की अभूतपूर्व घटना के चलते दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को उनसे ड्यूटी पर लौटने का अनुरोध करना पड़ा।
पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच तनाव के हालात शनिवार से बनने शुरू हो गए थे जब पार्किंग को लेकर हुई झड़प में कम से कम 20 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गए थे।
प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय के बाहर जमा होने लगे तो यातायात धीमा पड़ गया। ऐसे में पटनायक अपने कार्यालय से बाहर आए और उन्होंने पुलिसकर्मियों को आस्त किया कि उनकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।
पटनायक ने कहा, ‘‘हमें एक अनुशासित बल की तरह व्यवहार करना होगा। सरकार और जनता हमसे कानून व्यवस्था को कायम रखने की उम्मीद रखती है, यह हमारी एक बड़ी जिम्मेदारी है। मैं अनुरोध करता हूं कि आप लोग काम पर लौट जाएं।’’ उन्होंने मुख्यालय के बाहर एकत्रित हुए पुलिसकर्मियों से कहा, ‘‘बीते कुछ दिन हमारे लिए परीक्षा की घड़ी रहे हैं। न्यायिक जांच चल रही है और मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप प्रक्रिया में भरोसा बनाए रखें।’’
दिल्ली पुलिस में 80,000 से अधिक कर्मी हैं। प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों ने काली पट्टियां बांध रखी थीं और वे न्याय की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। दिल्ली पुलिस के समस्त शीर्ष अधिकारी उन्हें शांत करने का प्रयास कर रहे थे।
पुलिसकर्मियों ने तख्तियां ले रखी थीं जिन पर लिखा था, ‘‘पुलिस वर्दी में हम इंसान हैं,’’ ‘‘हम पंचिंग बैग नहीं हैं’’ और ‘‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत’’। उन्होंने अपने वरिष्ठों से अनुरोध किया कि वर्दी का सम्मान बचाने की खातिर वे उनके साथ खड़े रहें।
Delhi: Police personnel hold protest outside Police Head Quarters (PHQ), against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. pic.twitter.com/ObM3nFcVgF
— ANI (@ANI) November 5, 2019
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घायल वकीलों से मुलाकात करने तो पहुंचे लेकिन इस घटना में घायल हमारे साथियों से मिलने नहीं पहुंचे। क्या यह अन्यायपूर्ण नहीं है।’’
प्रदर्शन के कारण आईटीओ की ओर आने वाले कई रास्तों पर यातायात जाम हो गया और दिल्ली पुलिस को ट्विटर पर यातायात परामर्श जारी करना पड़ा।
साकेत अदालत के बाहर सोमवार को वकीलों ने ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की पिटाई कर दी थी।
घटना के एक वीडियो में, वकील बाइक पर सवार एक पुलिसकर्मी को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं। वकीलों में से एक को पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारते भी देखा गया। जब पुलिसकर्मी घटनास्थल से जा रहे थे, तब वकील ने उसके हेलमेट को उसकी बाइक पर दे मारा।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मी पर हमला करने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
Delhi: Police personnel hold protest outside Police Head Quarters (PHQ), against the clash that broke out between police & lawyers at Tis Hazari Court on 2nd November. pic.twitter.com/FRthXQTk0T
— ANI (@ANI) November 5, 2019
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उक्त वीडियो ट्विटर पर साझा किया और लिखा, ‘‘कानून को अपने हाथों में नहीं लेना चाहिए। यह किसी समूह का समर्थन करने का सवाल नहीं है।’’ अधिकारियों ने बताया कि शनिवार की झड़प में कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई या उनमें आग लगा दी गई।
इन घटनाओं की कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ट्विटर के माध्यम से कड़ी निंदा की और नाराजगी जाहिर की।
दिल्ली पुलिस के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मधुर वर्मा ने लिखा, ‘‘मैं क्षमा चाहता हूं..हम पुलिस हैं..हमारा कोई वजूद नहीं है.. हमारे परिवार नहीं हैं.. हमारे मानवाधिकार नहीं हैं!!!’’ वर्मा फिलहाल अरूणाचल प्रदेश के उप महानिरीक्षक हैं।
आईपीएस एसोसिएशन ने भी इस हमले कींिनदा की और ‘‘अपमान’’ तथा ‘‘हमले’’ का सामने करने वाले अपने साथियों के साथ एकजुटता दिखाई।
एसोसिएशन के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘‘पुलिस और वकीलों के बीच हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों के आधार पर सभी को इस घटना के प्रति संतुलित नजरिया रखना चाहिए। देशभर की पुलिस उन पुलिसकर्मियों के साथ खड़ी है जिन्हें अपमानित किया गया और जिनके साथ मारपीट की गई। कानून तोड़ने के सभी प्रयासों की निंदा करता हूं, चाहे ऐसा प्रयास करने वाला कोई भी हो।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा, ‘‘नागरिक समाज की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था को कायम रखने में अपना पूरा जीवन बिताने वाले पुलिसकर्मियों के साथ ऐसा व्यवहार देखकर बेहद दुख हुआ।’’
| Tweet![]() |