दिल्ली-NCR में जहरीली धुंध कायम
दिल्ली/एनसीआर में बृहस्पतिवार की सुबह भी जहरीली धुंध की चादर छायी रही तथा इसकी वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन बदतर रही।
दिल्ली-NCR में जहरीली धुंध कायम |
इससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है। सफर के अनुसार अभी दिल्ली की तरफ उत्तर पश्चिमी हवाओं का रुख बरकरार है। देर रात हवा की गति बढ़ने के बाद शुक्रवार को वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शहर में कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक कल दिन में 410 से 420 के बीच रहा था। दिल्ली में स्थित 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 22 ने बृहस्पतिवार की सुबह दिल्ली का एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया। आनंद विहार राष्ट्रीय राजधानी का सर्वाधिक प्रदूषित इलाका रहा जहां एक्यूआई 466 दर्ज किया गया। इसके बाद 453 एक्यूआई के साथ वजीरपुर दूसरे नंबर पर रहा। नोएडा में बृहस्पतिवार को हवा और भी जहरीली हो गई। कल यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 441 था जो बृहस्पतिवार को बढकर 460 हो गया।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र ‘सफर’ के अनुसार पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण 35 प्रतिशत बढ़ा है। मौसम में सर्वाधिक है। सरकारी एजेंसियों ने दिल्ली/एनसीआर की इस हालत का प्रमुख कारण पड़ोसी हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को बताया है। दिल्ली के वायुमंडल में वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार पार्टिकुलेट तत्वों की उपस्थिति काफी ज्यादा है। पीएम 2.5 के स्तर को बढाने में पराली जलाने की घटनाओं का बृहस्पतिवार को योगदान 27 प्रतिशत रहा जबकि शुक्रवार को यह स्तर 25 प्रतिशत रहने की संभावना है।
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