वायु प्रदूषण से दिल्ली में हालात बेहद खतरनाक
वायु प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी के कारण राजधानी बुधवार को जहरीली धुंध की चादर से लिपटी रही। लगातार दूसरे दिन प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया।
दिल्ली खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण। |
सरकारी एजेंसियों ने दिल्ली के इस हाल का प्रमुख कारण पड़ोसी हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को बताया है। उधर नोएडा व गाजियाबाद में भी बुधवार को हवा की गुणवत्ता और खराब हो गई। मंगलवार को यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 439 था जो बुधवार को 441 हो गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार शहर में प्रदूषण बीती रात दो बजे बढ़कर 423 के स्तर पर पहुंच गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक दिन के दौरान 410 से 420 के बीच रहा। दिल्ली में स्थित 37 वायु गुणवत्ता केंद्रों में से 27 ने गंभीर श्रेणी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज किया।
एयर इंडेक्स वजीरपुर में 467, आनंद विहार में 464 व विवेक विहार में 453 तक पहुंच गया। यह बेहद गंभीर स्तर माना जाता है। एनएसआईटी द्वारका सबसे कम प्रदूषित क्षेत्र रहा जहां एक्यूआई 355 दर्ज किया गया। दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाए जाने की हिस्सेदारी बढकर 35 प्रतिशत हो गई है जो इस मौसम में सर्वाधिक है।
सीपीसीबी ने बैन दो तक बढ़ाया : राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पिछले सप्ताह लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों को दो नवम्बर तक बढ़ा दिया है। इसके बाद कोयला आधारित उद्योग व निर्माण कार्य दो नवम्बर तक बंद रहेंगे।
स्कूली छात्रों को मिलेंगे 50 लाख मॉस्क : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण बढ़ने के कारण शुक्रवार से स्कूली छात्रों को मास्क बांटना शुरू करेगी। दिल्ली में सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों के बीच 50 लाख एन-95 मास्क वितरित किए जाएंगे।
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