राजधानी में दिवाली की रात आग लगने की 245 घटनाएं
राजधानी में दिवाली की रात पटाखों से लगने वाली आग से निपटने के लिए हर बार की तरह इस बार भी दमकल विभाग ने पुख्ता इंतजाम किए थे। दिल्ली में इस बार सिर्फ ग्रीन पटाखे चलाने की ही अनुमति थी, लेकिन इसकी आड़ में लोगों ने जमकर पटाखे जलाए और विभिन्न इलाकों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई।
राजधानी दिल्ली में दिवाली की रात आग लगने की 245 घटनाएं हुई। (प्रतिकात्मक चित्र) |
राहत की बात रही कि कहीं भी आग भीषण रूप नहीं ले पाई और केवल तीन ही लोग आग की चपेट में आकर मामूली रूप से झुलस गए। अगर दमकल विभाग के आंकड़ों पर जाएं तो पिछले सालों की तुलना में दिवाली की रात आग लगने की घटनाओं में मामूली कमी देखने को मिली, जहां पिछले साल दिवाली पर राजधानी में कुल आग लगने की कुल 271 कॉल्स आई थीं, जबकि इस साल शनिवार रात 12 बजे से लेकर दिवाली की रात 12 बजे तक चौबीस घंटे में आग लगने की मात्र 245 कॉल्स आई। पिछले काफी दिनों से लोगों को जागरूक किया जा रहा था कि वह पटाखें चलाने से परहेज करें, अगर जलाएं भी तो केवल ग्रीन पटाखे ही। लेकिन इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिला।
दमकल विभाग के अधिकारी अतुल गर्ग ने बताया दीवाली की शाम छह बजे से आठ बजे तक आग लगने की 29 कॉल, रात आठ से दस बजे तक 56 कॉल और रात दस से बारह बजे तक 64 कॉल्स आई।
पूरी दिल्ली में रात बारह बजे तक कुल 245 आग की कॉल्स मिली। रात बारह बजे के बाद से लेकर सुबह सात बजे तक 66 कॉल्स विभाग को ओर मिल गई। आगजनी की अधिकांश कॉल खुले इलाके में आई। आग की ज्यादातर घटनाएं छोटी रहीं। कई जगह दमकल कर्मिंयों के पहुंचने से पहले ही लोगों ने अपने स्तर पर आग पर काबू पा लिया था। परवाना रोड जगतपुरी, प्रकाश गली तेलीवाड़ा और राजधानी एन्क्लेव नजफगढ़ में आग लगके की तीन घटनाओं को छोड़क सभी जगहों पर आग लगने की हल्की घटनाएं हुई।
पांच साल में दिवाली की रात आग लगने के आंकड़े
साल घटनाएं
2018 271
2017 204
2016 243
2015 290
2014 211
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