गुरु नानक ने दुनिया को विनम्रता का संदेश दिया : मोदी

Last Updated 27 Oct 2019 04:25:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि गुरु नानक देव ने अपनी सरलता, विनम्रता और सादगी भरे जीवन से लोगों का दिल जीतकर अपना संदेश दुनिया भर में पहुंचाया था।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात ’ कार्यक्रम में आज कहा  कि 12 नवंबर को दुनिया भर में श्री गुरु नानक देव जी का 550वाँ प्रकाश उत्सव मनाया जाएगा । गुरु नानक देव जी का प्रभाव भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। दुनिया के कई देशों में हमारे सिख भाई-बहन बसे हुए हैं जो गुरु नानक देव जी के आदर्शो के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हैं।

उन्होंने कहा कि ‘‘मैं वैंकुवर और तेहरान में गुरुद्वारों की अपनी याओं को कभी नहीं भूल सकता। श्री गुरु नानकदेव जी के बारे में ऐसा बहुत कुछ है जिसे मैं आपके साथ साझा कर सकता हूँ, लेकिन इसके लिए मन की बात के कई एपिसोड लग जाएंगे। उन्होंने, सेवा को हमेशा सवरेपरि रखा। गुरु नानक देव जी मानते थे कि नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा की कोई क़ीमत नहीं हो सकती । वह छुआ-छूत जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मजबूती के साथ खड़े रहे। गुरु नानक देव जी ने अपना सन्देश पूरी दुनिया में पहुँचाया। वह अपने समय में सबसे अधिक या करने वालों में से थे । वह कईं स्थानों पर गये और जहां भी गये, वहां अपनी सरलता, विनम्रता, सादगी से सबका दिल जीत लिया । गुरु नानक देव जी ने कई महत्वपूर्ण धार्मिक याएँ की, जिन्हें ‘उदासी’ कहा जाता है। सछ्वावना और समानता का सन्देश लेकर, वह, उत्तर हो या दक्षिण, पूर्व हो या पश्चिम - हर दिशा में गये, हर जगह लोगों से, संतों और ऋषियों से मिले। माना जाता है कि असम के सुविख्यात सन्त शंकरदेव भी उनसे प्रेरित हुए थे।’’

श्री मोदी ने कहा ‘‘उन्होंने हरिद्वार की पविा भूमि की यात्रा की। काशी में एक पविा स्थल, ‘गुरुबाग गुरुद्वारा’ है - ऐसा कहा जाता है कि श्री गुरुनानक देव जी वहां रुके थे। वह बौद्ध धर्म से जुड़ी ‘राजगीर’ और ‘गया’ जैसे धार्मिक स्थानों पर भी गए थे। दक्षिण में गुरु नानक देव जी ने श्रीलंका तक की या की । कर्नाटक में बीदर की या के दौरान, गुरुनानक देव जी ने ही, वहां पानी की समस्या का समाधान किया था। बीदर में ‘गुरु नानक जीरा साहब’ नाम का एक प्रसिद्ध स्थल है जो गुरु नानक देव जी की - हमें याद भी दिलाता है, उन्हीं को ये समर्पित है। एक उदासी के दौरान, गुरुनानक जी ने उत्तर में, कश्मीर और उसके आस-पास के इलाके की भी या की । इसे सिख अनुयायियों और कश्मीर के बीच काफी मजबूत सम्बन्ध स्थापित हुआ। गुरुनानक देव जी तिब्बत भी गये, जहां के लोगों ने उन्हें, ‘गुरु’ माना । वह उज्बेकिस्तान में भी पूज्नीय हैं,। ’’



श्री मोदी ने कहा ‘‘अपनी एक उदासी के दौरान उन्होंने बड़े पैमाने पर इस्लामिक देशों की भी यात्रा की थी, जिसमें, सऊदी अरब,  इराक और अफगानिस्तान भी शामिल है। वह लाखों लोगों के दिलों में बसे जिन्होंने पूरी श्रद्धा के साथ उनके उपदेशों का अनुसरण किया और आज भी कर रहे हैं । अभी कुछ दिन पहले ही, करीब 85 देशों के राजदूत दिल्ली से अमृतसर गये थे। वहां उन्होंने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के दर्शन किये और यह सब गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व के निमित्त हुआ था। वहां इन सारे राजदूतों ने स्वर्ण मंदिर के दर्शन तो किये ही, उन्हें सिख परम्परा और संस्कृति के बारे में भी जानने का अवसर मिला । इसके बाद कई राजदूतों ने सोशल मीडिया पर वहां की तस्वीरें साझा की । बड़े गौरवपूर्वक अच्छे अनुभवों को भी लिखा । मेरी कामना है कि गुरु नानक देव जी के 550वाँ प्रकाश पर्व हमें उनके विचारों और आदर्शो को अपने जीवन में उतारने की और अधिक प्रेरणा दें।’’

वार्ता
नयी दिल्ली


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